दरअसल बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा (VD Sharma) ने रविवार को प्रदेश के ग्वालियर जिले के नौ मंडलों में से चार मंडों में अध्यक्षों की नियुक्ति रविवार को की। हालांकि इन अध्यक्षों की नियुक्ति 1 जनवरी को ही की गई थी लेकिन नियुक्ति पत्र आज जारी किया गया।
वहीं मंडल की कार्यकारिणी घोषित होने के बाद ही ग्वालियर में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। वहीं सम्बंधित मंडल समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति में कई बड़े समाजों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया और सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
इसी कारण इन मंडलों से जुड़े लोगों ने कार्य करने पर नाराजगी जताई है। ज्ञात हो कि प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने ग्वालियर के शहीद भगत सिंह मंडल का अध्यक्ष हरिओम झा, हेमू कॉलोनी मंडल का अध्यक्ष सतीश साहू, स्वामी विवेकानंद मंडल का अध्यक्ष मनोज मुटाटकर और आचार्य रामकृष्णा मंडल का अध्यक्ष उमेश भदौरिया को नियुक्त किया है।
इनमें से दो ऐसे लोगों की नियुक्ति की गई है। जिन्होंने जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी की नियुक्ति का विरोध किया था। मंडल अध्यक्ष हरिओम झा और उमेश भदौरिया ने जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी के अध्यक्ष बनाए जाने पर बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व पर विरोध जताया था और इस संबंध में विरोध पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
ज्ञात हो कि 8 महीने पहले ग्वालियर में कमल माखीजानी (Kamal Makhijani) के बीजेपी जिला अध्यक्ष बनने के बाद से जिला कार्यकारिणी रुकी हुई है। जिसकी प्रतिक्षा पदाधिकारी और कार्यकर्ता लंबे समय से कर रहे हैं।
जबकि प्रदेश स्तर पर फरवरी 2019 में बीडी शर्मा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से प्रदेश कार्यकारिणी भी खाली पड़ी हुई है। हालांकि कैबिनेट विस्तार के बाद अब भाजपा जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी की भी घोषणा करेगी।
बता दे कि प्रदेश कार्यकारिणी के लिए तैयारियां पहले से की जा रही थी लेकिन उपचुनाव के आ जाने के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। वहीं नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा फरवरी आखिरी सप्ताह में होने वाली है।
इससे पहले माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर देगी। फिलहाल बीजेपी का सबसे पहला काम नियुक्ति पत्र जारी होने के बाद ग्वालियर में उठे इस विरोध के स्वर को ख़त्म करने कि होगी।