मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने आईपीसी की धारा 144 के तहत कलेक्टर द्वारा लगाए गए कर्फ्यू (टोटल लॉकडाउन) पर नाराजगी जाहिर करते हुए आदेशित किया है कि कलेक्टर संशोधित आदेश जारी करें एवं सुनिश्चित करें कि फल, सब्जी और किराना की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
हाईकोर्ट का आदेश: कलेक्टर नया कर्फ्यू आर्डर जारी करें
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में इंदौर कलेक्टर द्वारा लागू किए गए प्रतिबंधात्मक आदेश को याचिकाकर्ता चंचला गुप्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा ने जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कलेक्टर ने इंदौर में फल, सब्जी एवं किराना तक की बिक्री पर रोक लगा दी थी। चीफ जस्टिस मो. रफीक, जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इंदौर कलेक्टर को लोक हित को ध्यान में रखते हुए नए आदेश जारी करने को कहा है।
संक्रमण दर कम हो रही है तो फिर टोटल लॉकडाउन क्यों
याचिकाकर्ता चंचला गुप्ता ने बताया, उनकी ओर से अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा ने पैरवी की थी। उन्होंने बताया कि 20 मई को कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्त लॉकडाउन काे लेकर आदेश जारी किया था। उन्होंने अचानक से सबकुछ बंद कर दिया था। अगले दिन लोगों की जो पीड़ा सामने आई थी, सभी ओर से जो विरोध के स्वर उठे थे। इसे देखते हुए हमने प्रशासन से मांग की थी कि कुछ ऐसा डिसीजन लें, जिससे छोटे व्यापारी, किराना, सब्जी वालों का काम चल सके। जब इंदौर में संक्रमण दर काफी थी, तो यह सबकुछ आंशिक रूप से चालू थीं। जब संक्रमण लगातार घट रहा है, तो ऐसे में 10 दिन के लॉकडाउन के आदेश उचित नहीं थे।
फल और सब्जी नहीं खाएंगे तो इम्यूनिटी वीक हो जाएगी
गुप्ता का कहना था कि फल सब्जी की बिक्री बंद होने से आर्थिक नुकसान, स्टॉक का नुकसान, हजारों मरीज भर्ती हैं, जिनकी डाइट में फल और सब्जी शामिल हैं। यदि लोग फल एवं सब्जी नहीं खाएंगे तो उनकी इम्यूनिटी वीक हो जाएगी। फल एवं सब्जियां ऐसी वस्तु नहीं है जिन्हें महीने भर के लिए स्टॉक किया जा सके। स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि ताजे फल और सब्जियों का सेवन किया जाए। ऐसे में इन लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया था। ये बातें कोर्ट के समक्ष रखी थीं।