नई दिल्ली: फ्रांसीसी वायरोलॉजिस्ट और नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने महामारी के दौरान कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ सामूहिक टीकाकरण को ऐतिहासिक भूल करार दिया है. उनका कहना है कि इसी के चलते नए वेरिएंट्स का निर्माण हो रहा है, जिससे मौतें भी हो रही हैं. लाइफसाइट न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी. “यह एक बहुत बड़ी गलती है. न केवल वैज्ञानिक नजरिये से, बल्कि चिकित्सकीय नजरिये से भी यह एक भूल है. इसे स्वीकारा नहीं जा सकता है.”
मॉन्टैग्नियर ने अपने एक इंटरव्यू में यह बात कही, जिसे अमेरिका के रेयर फाउंडेशन द्वारा अनुवाद और प्रकाशित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया, “इतिहास की किताबों में इस गलती का जिक्र होगा क्योंकि इसी वैक्सीनेशन के चलते वेरिएंट्स बन रहे हैं.” Also
उन्होंने इस महीने की शुरूआत में होल्ड-अप मीडिया के पियरे बार्नरियास के साथ हुए एक साक्षात्कार में कहा, “कई महामारी वैज्ञानिक इस बात से अवगत हैं और यह जानते हुए भी चुप हैं कि एंटीबॉडी से निर्भरता में वृद्धि होती है. यह वायरस द्वारा उत्पादित एंटीबॉडी ही है, जो संक्रमण को और मजबूत बनाता है.”
उन्होंने पूछा कि “वैक्सीनेशन से होगा क्या? क्या वायरस मर जाएगा या क्या कोई और समाधान ढूंढ़ लेगा? यह स्पष्ट है कि नए वेरिएंट टीकाकरण के कारण एंटीबॉडी-मिडिएटेड सिलेक्शन द्वारा बनाए गए हैं.” साल 2008 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीत चुके इस वैज्ञानिक ने कहा, “किसी महामारी के दौरान टीकाकरण अकल्पनीय है. यह मौत का कारण बन सकता है.” रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा, “नए वेरिएंट्स टीकाकरण का ही परिणाम है. आप हर देश में ऐसा देख सकते हैं. वैक्सीनेशन के बाद ही मौतें हो रही हैं.”