बाड़मेर के पहले आईआईटीयन संजीव सिन्हा भारत के बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के एडवाइजर नियुक्त किए गए हैं।
इससे पहले वे टोकियो में टाटा एग्जीक्यूटिव के तौर पर काम करते थे। उन्होंने जापान की महिला से विवाह किया और उनकी एक पुत्री है। बाड़मेर की अंबेडकर कॉलोनी निवासी वीरेंद्र सिन्हा के दो बेटे हैं।
राजीव और संजीव। राजीव सिन्हा सूरत बैंक में एजीएम के पद पर हैं और संजीव टोकियो चले गए थे। वे जापान में पिछले 21 वर्षों से जानेमाने भारतीय नागरिक के रूप में निवास कर रहे हैं।
वे पढ़ाई में शुरू से अव्वल रहे। जिस अहम बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट से वे जुड़े हैं, उसमें जापान रेलवे भी शामिल है जो कि अहमदाबाद और मुंबई को जोड़ने का काम करेगा।
इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 98 हजार करोड़ रुपए है, हालांकि इस प्रोजेक्ट की 81 प्रतिशत लागत जापान से लोन के रूप में मिलेगी। 14 सितंबर को साबरमती रेल्वे स्टेशन पर इसका भूमिपूजन होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान पीएम शिंजो आबे इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाएंगे। मई 2023 तक इसके शुरू होने की उम्मीद है।