भोपाल। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति हैं। बाढ़ राहत के काम में गड़बड़ी पाई तो किसी को नहीं छोडूंगा। जनता को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। पूरी पारदर्शिता के साथ काम करें क्योंकि लोकतंत्र में संदेश की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ग्वालियर-चंबल संभाग और विदिशा जिले के बाढ़ प्रभावित 24 हजार 529 हितग्राहियों के खातों में सिंगल क्लिक के माध्यम से 31 करोड़ 51 लाख राशि अंतरित करते हुए कही।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुए कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक एक लाख 27 हजार बाढ़ पीड़ितों के खातों में 110 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि जमा कराई जा चुकी है। हमारी कोशिश यही है कि जनता की जिंदगी प्रभावित न हो। सहायता वितरण में पारदर्शिता रहे, इसलिए तय किया था कि बाढ़ पीड़ितों की सूची पंचायत भवन पर चस्पा होना चाहिए।
सीएम ने कहा कि सीधे हितग्राही के खाते में राशि जमा की जा रही है क्योंकि अलग-अलग राशि देने में भ्रष्टाचार की शिकायतें आती हैं। कोई भी एक नया पैसा न खा पाए और पूरा पैसा खाते में जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कोई आपत्ति करता है तो पड़ताल करके यदि वह पात्र है तो उसका नाम जोड़ा जाए। पुनर्वास का काम चल रहा है और राहत का काम पूरा हो चुका है। सड़क, पुल-पुलिया आदि के काम चल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने जनप्रतिनिधियों और बाढ़ प्रभावितों से राहत राशि वितरण सहित अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
संकट के समय ही होती है नेतृत्व की परीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय संकट का है। एक तरफ बाढ का संकट आया और दूसरी तरफ सूखे का संकट है। ग्वालियर, चंबल संभाग जहां काम वर्षा होती थी, वहां इस बार वह अतिवृष्टि का शिकार हो गया। जबकि, प्रदेश में 17-18 जिले ऐसे हैं जहां अच्छी वर्षा होती थी और जिनके कारण बांध भरते थे, वहां काम वर्षा हुई है। इसकी वजह से वह खाली हैं, जिससे बिजली नहीं बन पा रही है। कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। मैं यह जानता हूं कि नेतृत्व की परीक्षा भी संकट के समय में ही होती है। हम कई कठिनाइयों से जूझ रहे हैं लेकिन मन में एक ही संकल्प है कि हर परिस्थिति में अपनी जनता की बेहतर सहायता करेंगे और जनता को संकट से निकालकर ले आएंगे।