बैंक अधिकारी बनकर लेते थे OTP फिर करते थे अकाउंट खाली, गिरोह का सायबर क्राइम ने किया पर्दाफ़ाश
केवायसी अपडेट एवं एटीएम कार्ड बंद होने के नाम पर करते है लोगो से धोखाधडी, अबतक लगभग हजार लोगो से धोखाधडी कर चुके है।
- केवायसी अपडेट एवं एटीएम कार्ड बंद होने के नाम पर करते है लोगो से धोखाधडी, अबतक लगभग हजार लोगो से धोखाधडी कर चुके है।
- 3-4 साल से अधिक समय से कर रहे है धोखाधडी।
- अपराधियों द्वारा अभी तक विभिन्न राज्यों में की जा चुकी है, लगभग करोडों की धोखाधडी
- झारखण्ड- पष्चिम बंगाल सीमा पर लगे गॉवों में एकत्रित होकर सायबर ठग गॉव वालो की मदद से दो राज्यो की पुलिस को देते रहे चकमा।
भोपाल : अति. पुलिस महानिदेशक भोपाल जोन, भोपाल ए.सांई मनोहर एवं उप पुलिस महानिरीक्षक महोदय (शहर) रेंज भोपाल इरशाद वली तथा पुलिस अधीक्षक महोदय दक्षिण भोपाल श्री सांई कृष्णा थोटा के द्वारा दिये गये निर्देष के पालन में अति. पुलिस अधीक्षक जोन-1 भोपाल अंकित जायसवाल एवं उप पुलिस अधीक्षक सायबर श्रीमति नीतू सिंह के मार्गदर्षन में सायबर क्राइम ब्रान्च जिला भोपाल की टीम द्वारा केवायसी अपडेट के नाम पर फरियादी के साथ लगभग 10,40,320/-रूपये की धोखाधडी करने वाले आरोपियो को सायबर क्राइम ब्रान्च भोपाल ने पष्चिम बंगाल व झारखण्ड से किया गिरफतार।
सायबर क्राइम भोपाल में आवेदक के द्वारा शिकायत की गई कि अमरदीप श्रीवास्तव नामक व्यक्ति के द्वारा एसबीआई अधिकारी बनकर बैंक खाते का केवायसी अपडेट करने के नाम से फोन किया गया, जिसमें फरियादी का खाता नंबर एटीएम कार्ड नंबर एवं ओटीपी पूछकर फरियादी के खाते से 27 बार में कुल 10,40,320/-रूपये की धोखाधडी की गई, आवेदन की जॉच पर कुल 08 बैंक खातो में फरियादी के खाते से पैसा ट्रॉसफर होना पाया गया। बैंक से प्राप्त जानकारी के आधार पर बैंक खाता एवं मोबाइल नंबरों के उपयोगकर्ताओं के विरूद्व अपराध क्र-147/2021 धारा 419, 420 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
आरोपी सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि प्रोफाइल का अवलोकन कर ठगी करने के लिय व्यक्ति का चयन करते एवं मोबाइल के सीरीयल नंबर (ैज्क् ब्व्क्म्) में रेण्डमली नंबर जोडकर कॉल करते थे, आरोपीगण बैंक अधिकारी बनकर केवायसी अपडेट करने के नाम पर ओटीपी लेकर खाता धारको के बैंक खातो से धोखाधडी पूर्वक ऑनलाइन पैसा अपने अन्य बैंक खातो में ट्रॉसफर कर लेते है एवं पैसे निकाल लेने के पष्चात पीडित का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर देते है ताकि पीडित इनसे पुनः संपर्क नही कर सके। इस तरह आरोपीगणो द्वारा 3-4 सालो से करोडो रूपये की धोखाधडी की गई है। आरोपीगणों द्वारा धोखाधडी से प्राप्त किये गये रूपयों का प्रयोग आलीषान मकान गाडी एवं अन्य सुख-सुविधाओं में किया जाता है। आरोपीगणों द्वारा किये गये अन्य अपराधों पर जानकारी प्राप्त की जा रही है। आरोपीगण ज्यादातर एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक के खातो का उपयोग करते है, क्योकि इन बैंको के एटीएम से अन्य बैंको की तुलना में ज्यादा राषि आहरित हो जाती है। आरोपीगणों द्वारा 10-15 हजार रूपये में खाता धारको से बैंक खाता खरीदा जाता है। आरोपीगणों द्वारा अभी तक लगभग 100 बैंक खातो का उपयोग ठगी करने में किया गया है। सायबर क्राइम जिला भोपाल टीम द्वारा अपराध कायमी के पष्चात तकनीकि एनालिसिस के आधार पर त्वरित कार्यवाही कर 1.5 लाख रूपये आरोपियो के खातों मे ब्लॉक करवा दिये गये तथा आरोपियो की तलाश की गई जो पता चला कि जामताडा के अंदरूनी गॉव, आसनसोल, वर्धमान, पंष्चिम बंगाल के क्षेत्र में आरोपीगणो द्वारा मध्यप्रदेष, दिल्ली, उत्तरप्रदेष, महाराष्ट्रा सहित कई राज्यों के लोगों के साथ केवायसी अपडेट करने के नाम पर धोखाधडी की जा चुकी है।
कुल 05 आरोपीगणो को झारखण्ड(कर्माटाण्ड/जामताडा) एवं प बंगाल से गिरफतार किया गया है। जिनके पास से प्रकरण में प्रयुक्त 01 एसबीआई खाते की पासबुक, 13 मोबाईल फोन, 11 एटीएम कार्ड, 50 फर्जी सिम जप्त गया है। आरोपीगणों के विरूद्व पष्चिम बंगाल में अपराध पंजीबद्व है।
पकड़े गए ये
01-मो. इमरान अंसारी निवासी कर्माटांड जिला जामताडा (झारखण्ड) बी.टेक.—फर्जी बैंक अधिकारी बनकर ओटीपी लेकर ऑनलाइन पैसा ट्रॉसफर करना।
02-अभिषेक कुमार सिंह निवासी चितरंजन पष्चिम बंगालएल.एल.बी.थाना नोर्थ आसनसोल पष्चिम बंगाल फर्जी बैंक खाते एवं एटीएम कार्ड की व्यवस्था करना एवं खाते ऑनलाइन एक्ससे करना।
03-मो. अफजल निवासी आसनसोल पष्चिम बंगालतीसरी पासथाना नोर्थ आसनसोल पष्चिम बंगाल फर्जी बैंक खाते एवं सिम की व्यवस्था करना एवं खाते में पैसा आने पर तुरन्त एटीएम से निकालना।
04-संजू देवनाथ निवासी साउथ 24 परगना पष्चिम बंगालदूसरी पास—–फर्जी खाते खुलवाकर आरोपी अभिषेक एवं मो. अफजल को देना एवं एटीएम से पैसे निकालना।
05-गुलाम मुस्तफा निवासी आसनसोल पष्चिम बंगालआठवी पास—–स्वयं के नाम पर फर्जी खाता खुलवाकर अन्य आरोपीगणो को लाभ पर बेचना।
पुलिस टीम में शामिल
सायबर टीम-उनि पारस सोनी, उनि देवेन्द्र साहू, प्र. आर. पी. चिन्नाराव, प्र.आर. प्रतीक, आर. तेजराम सेन, आर. यतिन चौरे, आर. राघवेन्द्र दांगी, आर. षिवम वर्मा, आर. सुमित समद।