भोपाल । MP में पिछले 24 घंटे में आए 8998 नए कोरोना पॉजिटिव केस और 40 मौतों ने मप्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसमें सबसे ज्यादा हालात गंभीर इंदौर (Indore) और भोपाल (Bhopal) में बने हुए है जहां लॉकडाउन (Lockdown 2021) और नाइट कर्फ्यू के बावजूद आंकड़ों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है, हालांकि मप्र सरकार (MP Government) लगातार महामारी से निपटने की कोशिश कर रही है। ऑक्सीजन वाहनों को एंबुलेंस का दर्जा देने, रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति के बाद अब मप्र सरकार ने प्रत्येक जिले को 1-1 करोड़ रुपये की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी की है।
इसकी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने देते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये मप्र सरकार ने प्रत्येक जिले को एक करोड़ रुपये की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष (Chief Minister Relief Fund)से जारी की है। प्रदेश के 52 जिलों के लिये जारी की गई 52 करोड़ रुपये की राशि कोविड-19 के लिये आवश्यक उपकरणों के क्रय, पुनर्वास शिविरों में भोजन एवं कपड़े की व्यवस्था, मेडिकल शिविरों के संचालन, शिविरों का पर्यवेक्षण-संचालन, आवश्यक कार्यों में तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा के लिये क्रय की जाने वाली सामग्री और साफ-सफाई आदि पर व्यय की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध करवाई गई राशि के व्यय के संबंध में जिला कलेक्टर (Collector) की अध्यक्षता में एक अंतर्विभागीय समिति का गठन किया जायेगा। यह समिति कोविड-19 की रोकथाम के लिये किये गये व्यय का परीक्षण, पर्यवेक्षण एवं स्वीकृति के लिये सक्षम होगी। कोविड-19 महामारी की रोकथाम से संबंधित व्यय आपातकालीन व्यय की श्रेणी का है। इसमें निविदा प्रक्रिया का पालन किया जाना आवश्यक नहीं है। कोष की राशि के व्यय संबंधी मूल अभिलेख जिला स्तर पर सुरक्षित रखे जाने और राशि व्यय उपरांत निर्धारित प्रारूप में उपयोगिता प्रमाण-पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय (CM Office) को उपलब्ध करवाने के निर्देश जिला कलेक्टर्स को दिये गये हैं।