लॉर्ड्स। इंग्लैंड ने रविवार को बेहद रोमांचक मुकाबले में भारत को 9 रनों से हराकर चौथी बार विश्व कप पर कब्जा जमाया। एक समय भारत आसानी से जीत के करीब पहुंच गया था, लेकिन अचानक उसके हाथ से जीत फिसली और उसे दूसरी बार उपविजेता बनकर संतोष करना पड़ा। इंग्लैंड ने नताली स्किवर की फिफ्टी की मदद से 7 विकेट पर 228 रन बनाए। जवाब में भारत की पारी 48.4 अोवरों में 219 रनों पर सिमट गई।
भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और स्मृति मंधाना बगैर खाता खोले श्रबसोले की गेंद पर बोल्ड हो गई। मंधाना ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में शानदार पारी खेली थी। इसके बाद पूनम के साथ मिताली राज ने पारी को संभालना शुरू किया। अभी स्कोर 43 तक ही पहुंचा था कि मिताली राज (17) रन आउट होकर पैवेलियन लौटी। इसके बाद पूनम और हरमनप्रीत ने भारतीय पारी को संभाला। पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रन बनाने वाली हरमनप्रीत ने फिफ्टी बनाई। हार्टले ने हरमनप्रीत (51) को ब्यूमॉन्ट के हाथों झिलवाया। इन्होंने तीसरे विकेट के लिए 95 रनों की भागीदारी की।
पूनम राउत 86 रन बनाकर श्रबसोले की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुई। वे रिव्यू लेना चाहती थी, लेकिन उन्होंने ज्यादा समय लगा दिया। उन्होंने चार चौके और 1 छक्का लगाया। इसके तुरंत बाद सुषमा वर्मा 1 रन बनाकर हार्टले की गेंद पर बोल्ड हुई। वेदा कृष्णमूर्ति से उम्मीदें थी, लेकिन वे 35 रन बनाकर श्रबसोले की शिकार बनी। श्रबसोले ने झूलन गोस्वामी को भी चलता किया।
इससे पहले इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। दोनों टीमों ने इस खिताबी मुकाबले के लिए प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव नहीं किया है। राजेश्वरी गायकवाड़ ने लॉरेन विनफील्ड (24) को राउंड द लेग्स बोल्ड किया। विनफील्ड जब 22 रनों पर थी तब अंपायर जॉर्ज ने उन्हें झूलन गोस्वामी की गेंद पर एलबीडब्ल्यू करार दिया था, लेकिन विनफील्ड ने रिव्यू लिया और डीआरएस की मदद से वे नॉट आउट करार दी गई। इसके बाद ब्यूमॉन्ट जब 19 रनों पर थी तब गायकवाड़ की गेंद पर विकेटकीपर सुषमा ने उनका कैच छोड़ा। वैसे विनफील्ड जीवनदान का लाभ नहीं उठा पाई और 2 रन जोड़कर गायकवाड़ की शिकार बन गई।
अभी स्कोर 60 तक ही पहुंचा था कि पूनम यादव की लो फुलटॉस पर टैमी ब्यूमॉन्ट (23) ने डीप मिडविकेट पर झूलन गोस्वामी के हाथों में कैच थमा दिया। पूनम यादव की गेंद को खेलने में कप्तान हीथर नाइट (1) चूकी और गेंद उनके पैड्स पर लगी। विकेटकीपर सुषमा वर्मा की सलाह पर भारतीय कप्तान मिताली राज ने रेफरल लिया और थर्ड अंपायर ने नाइट को आउट करार दिया।
इंग्लैंड की स्थिति सुधरती दिख रही थी कि अनुभवी झूलन गोस्वामी ने दो गेंदों पर मेजबान टीम को दो झटके दिए। उन्होंने सारा टेलर (45) को विकेटकीपर सुषमा वर्मा के हाथों कैच कराया। फ्रॉन विल्सन खाता भी नहीं खोल पाई और झूलन ने अगली गेंद पर उन्हें एलबीडब्ल्यू कर दिया। नताली स्किवर ने 65 गेंदों में 5 चौकों की मदद से फिफ्टी पूरी की। वे इसके बाद टिक नहीं पाई और झूलन की गेंद को आगे निकलकर खेलने के चक्कर में एलबीडब्ल्यू हो गई। उन्होंने 51 रन बनाए। कैथरीन ब्रंट 34 रन बनाकर रन आउट हुई। इसके बाद जैनी गुन (25 नाबाद) और लॉरा मार्श (14 नाबाद) स्कोर को 228 तक ले गए। झूलन गोस्वामी ने 23 पर 3 विकेट लिए जबकि पूनम यादव ने 36 रनों पर 2 विकेट अपने नाम किए।
भारतीय टीम दूसरी बार विश्व कप फाइनल में पहुंची है। इससे पहले वह 2005 में दक्षिण अफ्रीका में खिताबी मुकाबले में पहुंची थी, जहां उसे ऑस्ट्रेलिया ने 98 रनों से हराया था।