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भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सतना व ग्वालियर में ड्रोन स्कूल खोले जाएंगे

भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सतना व ग्वालियर में ड्रोन स्कूल खोले जाएंगे

भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सतना व ग्वालियर में ड्रोन स्कूल खाेले जाने की घाेषणा की गई है।

सीएम शिवराज सिंह चाैहान ने आज ग्वालियर के एमआइटीएस कालेज में ड्राेन मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि ड्राेन मेला अद्भुत है, यह लाेगाें का जीवन बदल देगा। किसानाें काे अपने कंधे पर लाद खाद नहीं डालना पड़ेगा। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया ने मंच से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सतना व ग्वालियर में ड्रोन स्कूल खाेले जाने की घाेषणा की है।

कार्यक्रम काे संबाेधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह चाैहान ने ड्राेन की उपयाेगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब गुना में बाढ़ आई ताे नाव तक नहीं पहुंच पा रही थी। ऐसे में ड्राेन का सहारा लिया गया, जिसके जरिए पेड़ पर बैठे लाेग ही नहीं काैन कहां पर है, इसका भी आसानी से पता लगाया जा सका। उन्हाेंने कहा कि सिंधिया देश के लिए हैं ही लेकिन प्रदेश के लिए भी हैं। उन्हाेंने कहा कि मैं वचन देता हूं कि ड्राेन टेक्नाेलॉजी का इस्तेमाल करके प्रदेश के विकास पर काम किया जाएगा।

किटनाशक के छिड़काव में ड्राेन का इस्तेमालः नागरिक उड्डयन मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज ग्वालियर के लिए ऐतिहासिक दिन है, क्याेंकि हम एक क्रांति के साक्षी बन रहे हैं, जाे जल्द ही देश के काेने-काेने तक पहुंचेगी। प्रधानमंत्री की साेच है कि टेक्नोलाजी महत्वपूर्ण है। इससे गरीब व आम आदमी की जिंदगी बदली जा सकती है। किसान कीटनाशक के छिड़काव में ड्राेन का इस्तेमाल कर सकते हैं। आज 2, 3, 5 किलो का ड्रोन गरीब की समृद्धि का कारण बन सकता है। 12वी पास युवक ड्रोन का पायलट बनकर 30 हजार रुपये तक का वेतन पा सकता है, 30 लाख रोजगार इन ड्रोन से पैदा होंगे। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने मंच से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सतना व ग्वालियर में ड्रोन स्कूल खाेलने की घाेषणा भी की है।

मेले से ड्राेन के प्रति जागरूकता आएगीः केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ताेमर ने कहा कि इस मेले से ड्रोन के प्रति जागरूकता आएगी। इसके लिए ज्योरादित्य सिंधिया का कृतज्ञ होना चाहिए। पीएम नरेन्द्र मोदी का यह प्रयास रहा है कि भारत दुनिया मे किसी विद्या से पीछे न रहे। भारत अग्रणी हो, तकनीक बढ़े। आज भारत सोलर एलाइंस में दुनिया का लीडर बन चुका है, ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में देश अग्रणी है। उन्हाेंने कहा कि जब देश में टिड्ढी दल का खतरा मंडराया ताे ड्राेन की जरूरत महसूस की गई थी, तब सिविल एविएशन सामने आई और क्लियरेंस मिला। टिड्डों को मारने के बाद अब उनकी दोबारा वापसी नहीं हुई। ड्रोन से गांवों में सर्वे हो रहा है और लोगों को उनकी जमीन व मकान का मालिकाना हक मिल रहा है। कृषि के क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल करना बहुत उपयोगी है।

-फिक्की के पदाधिकारी बोले हर गांव में 1 व जिले में 10 ड्रोन होना चाहिए।

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