राजकीय शिशु गृह में 22 बच्चे और 6 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इससे अधिकारियों में अफरातफरी मच गई। जिन बच्चों की पॉजिटिव रिपोर्ट आई है वह सभी छह से 10 साल के बताए जा रहे हैं। शनिवार को रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक बाल गृह पहुंचे और सभी संक्रमित मरीजों का चेकअप करके दवाएं प्रदान कीं। संक्रमित बच्चों को अन्य बच्चों से अलग रखा गया है।
चिकित्सा विभाग ने सिविल लाइन क्षेत्रान्तर्गत राजकीय संप्रेक्षण गृह और राजकीय शिशु गृह में रेंडम सैंपल सलेक्शन किए थे। इसमें राजकीय संप्रेक्षण गृह के 52 अपचारियों की रिपोर्ट पूर्व में ही पॉजिटिव आ गई थी, जबकि शिशु गृह के 22 बच्चों की पॉजिटिव रिपोर्ट शनिवार को स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हुई। यही नहीं शिशु गृह के 6 कर्मचारी भी पॉजिटिव मिले हैं। इनमें दो पुरुष कर्मचारी हैं, जबकि चार महिला आया हैं। बाल गृह के बच्चों की रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल और सीएमओ डा. रचना गुप्ता के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक शिशु गृह पहुंचे और सभी बच्चों और स्टाफ की चेकिंग की। जिन बच्चों और कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी, उन्हें तुरंत आवश्यक दवाएं दी गई थीं। कर्मचारियों को क्वारंटाइन/आईसोलेट कर दिया गया है।
संक्रमित बच्चों को अलग रखने की हुई व्यवस्था
राजकीय बाल गृह में वर्तमान में 44 बच्चे रह रहे हैं। इनमें से 22 बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इन्हें अन्य बच्चों से अलग रखने की व्यवस्था कर दी गई है। कोरोना संक्रमित बच्चों के लिए दो कमरों में अलग से व्यवस्था कर दी गई है, जबकि उनके शौचालय और बाथरूम भी अलग कर दिए गए हैं। दूसरी ओर संक्रमणविहीन बच्चों के लिए अलग कमरे, शौचालय और बाथरूम की व्यवस्था कर दी गई है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुराग श्याम रस्तोगी ने बताया, राजकीय शिशु गृह में अस्थायी कर्मचारियों की व्यवस्था भी बच्चों के देखभाल के लिए कर दी गई है। कोरोना संक्रमित और गैर संक्रमित बच्चों को अलग अलग रखा गया है।