8वीं कक्षा में पढ़ाई जा रही संस्कृत की किताब सुकृतिका भाग-3 के अनुसार 1962 के प्रसिद्ध भारत-चीन युद्ध में भारत ने जीत हासिल की थी। लखनऊ के कृति प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक को पांच लेखकों ने लिखा है। जिसमें दिवंगत प्रोफेसर उमेश प्रसाद रस्तोगी और व्याकरण विशेषज्ञ सोमदत शुक्ला भी शामिल हैं। तीन अन्य लेखकों में मधु सिंह, ललिता सेंगर और निशा गुप्ता हैं।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित इस खबर के अनुसार ‘श्री जवाहर लाल नेहरू’ शीर्षक वाले इस पाठ में गलत सूचना दी गई है। पुस्तक में नेहरू की उपलब्धियों को सूचिबद्ध करते हुए कहा गया, ‘भारत के पहले प्रधानमंत्री ने अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाया और चीन की घुसपैठ का जवाब दिया था। प्रधानमंत्री के तौर पर जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान वर्ष 1962 में चीन ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था। नेहरू के प्रयासों के साथ भारत ने चीन को हरा दिया।’
स्कूल के हजारों छात्र इतिहास की इस गलत जानकारी को ग्रहण कर रहे हैं। 1962 के युद्ध में चीन की जीत हुई थी। 1962 में भारतीय सैनिकों ने चीन का आखिरी दम तक मुकाबला किया था, लेकिन उस वक्त जीत चीन की ही हुई थी। किताब में गलत जानकारी के बाद शिक्षकों व पैरेंट्स में आक्रोश है।