भोपाल, मध्यप्रदेश: जैसा कि विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, मध्यप्रदेश में राजनीतिक परिदृश्य भी गरम हो रहा है। इसी माहौल में, राजपूत करणी सेना ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को कई चुनौतियाँ दी हैं।
सेना का तर्क है कि राजपूत समाज का वोट बैंक मध्यप्रदेश में एक मजबूत संख्या में मौजूद है और उनका योगदान सरकार बनाने में हमेशा से रहा है। इसी बुनियाद पर, सेना ने 50 टिकटों की मांग की है जिससे कि राजपूत समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ सके।
उनकी मांगों में सख्त कानूनी प्रावधानों की भी बात की गई है, जैसे कि एट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए, क्षत्रिय समाज के इतिहास की सुरक्षा, और ईडब्ल्यूएस आरक्षण में सुधार।
यह नहीं कि सेना केवल मांगें रख रही है, वे इन मांगों को पूरा करवाने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। ‘स्वराज स्वाभिमान केसरिया यात्रा’ के जरिए वे जन समर्थन भी जुटा रहे हैं। 3 सितंबर को यह यात्रा शुरू होगी, और उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी मांगें अधूरी रहती हैं, तो 8 अक्टूबर को भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर भारी प्रदर्शन होगा।