भोपाल, मध्यप्रदेश (madhya pradesh) की राजनीति में दिग्विजय सिंह (digvijay
singh) अपने बयानों के लिए जाने जाते हैं। दिग्विजय सिंह के बयान राजनीति गलियारों में हलचल
उत्पन करने के लिए काफी होते है। इसी के साथ आज फिर दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट (tweet) कर
मध्य प्रदेश की सियासत में इलगल मचा दी है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि आजकल भाजामामोदीशाह
मुख्यमंत्रियों को बदल रहे हैं।
जिससे मध्यप्रदेश में भी कुछ भाजपा नेताओं (bjp leaders) की उम्मीदें
बढ़ गई है।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि गाममदेश में कुछ हमारे भाजपा के अपने आपको योन्म
समझने वाले नेताओं की उम्मीदें बढ़ गई है लेकिन मध्यप्रदेश BJP में मुख्यमंत्री पद के लिए कौन और
कितने जम्मीदवार है,
उसकी लिस्ट उन्होंने आम जनता से मांगी है। इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने कहा
कि अगर उन्हें आज लिस्ट (list) नहीं मिली तो कल यह मम्म प्रदेश में मुखामंत्री पद के लिए खूब को
उम्मीदवार समझने वाले भाजपा नेताओं की लिस्ट जारी करेंगे।
बता दें कि बीते दिनों बीजेपी ने उत्तराखंड (uttrakhand) में अपने गुच्छागंत्री बदल दिए हैं।
इसके साथ
ही साध कर्नाटक में भी बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री बदलने की संभावना नेज हो गई है। चर्चा है कि जल्दी
बीएस येदियुरप्पा (BSyediyurappa) अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं हालांकि मुख्यमंत्री वेदियुरप्पा
ने इस बात को सिरे से नकार दिया है।
खेर भव बीजेपी शासित राज्य में क्या होता है.
यह तो बाद की बात है लेकिन दिग्विजय सिंह के इस
नीट रो मया प्रदेश की सियासत में हलचल बढ़नी तय है। इसके अलावा मुख्यमंत्री पद के लिए खुद को
योन्य उम्मीदवार सगझाने वाले बीजेपी नेताओं के भी ज्ञान दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट से खड़े हो गए हैं।
CAG रिपोर्ट पर की बड़ी मांग
इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह (sigvijay singh) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में हुए
भारत नेट को अद्धा अशाचार बनाते हुए इस केस को लोकपाल के दायरे में लाने की मांग की है।
दर-मसाल
भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) की एक प्रारंभिक रिपोर्ट को हरी झंडी दिखाते हुए कांग्रेस
में शनिवार को दावा किया कि इलेक्ट्रीनिवस और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) से रविशंकर
प्रसाद (ravisanker prasatd) को बाहर करने का प्राथमिक कारण बड़े पैमाने पर धाटापार है।
CAG ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार (modi governrTient) का भारतगेट
कार्यक्रम (BharatNet) वित्तीय अनियमितताओं के कारण विफल रहा। दरअराल 94 पनों की मावा
रिमोर्ट में, कैग ने कहा कि सीएसत्ती, या मंत्रालय द्वारा स्थापित सामान्य सेवा केंद्रों को भारी भुगतान के
बावजूद विभिन्न सर्किलों में केवल और अन्य बुनियादी डांचे का रखरखाव कुशल नहीं पाया गया।
रिपोर्ट
में कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप ग्राम पंचागल या ग्राम ब्लॉक स्तर पर सेवा की गुणवत्ता खराब
हुई। इसने कई उदाहरण भी उद्धत किए हैं जहां काम केवल कागजा पर पूरा किया गया था।
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राज्य सरकार की सख्ती
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मंत्रालय के तहत सीएससी को जुलाई 2019 और दिसंबर 2020 के
बीच 386.42 करोड़ रूपए और 116.50 करोड रूपए का भुगतान किया गया था।
यह व्यवस्था जुलाई
2019 में किए गए मुनिगर्सल सर्विस ऑखिलगेशन फंड (USOF), भारत बॉयज नेटवर्क लिमिटेड
(BENL) और CSC के बीच माप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क, टेलीकॉन उपकरण और वाई-फाई
एकरोरा पॉइट के संचालन और रखरखाव के लिए सितंबर 2020 में डिजिटल संचार आयोग (Dcc)
सारा अनुमोदित एक त्रिपक्षीय समझौते का हिस्सा है।