भोपाल । प्रदेश में चिकित्सा विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए सरकार 25 फीसद पदों को अब सीधी भर्ती के माध्यम से भरेगी। जबकि, 75 प्रतिशत पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई कैबिनेट बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए सरकार बड़े स्तर पर डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती कर रही है। इसी कड़ी में अब तय किया है कि स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों के 25 फीसद पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। यह पद अभी पदोन्नति के माध्यम से भरने का प्रविधान है लेकिन पदोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से सभी विभागों में पदोन्नति की प्रकिया रुकी हुई है।
आमजन को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं प्रदान करने के लिये प्रदेश में द्वितीय श्रेणी पी.जी.चिकित्सकों को विभाग में सेवाओं के लिए आकर्षित करने के लिए चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यग्रहण करने के बाद का क्रमोन्नति के रूप में विशेषज्ञ के पद पर आगामी ग्रेड-पे (5400 से 6600) स्नातकोत्तर डिग्रीधारी चिकिसकों को दो वर्ष की सेवा उपरांत एवं स्नातकोत्तर डिप्लोमाधारी चिकित्सकों को तीन वर्ष की नियमित सेवा के बाद दी जा सकेगी। विभाग में पहले से कार्यरत चिकित्सकों के सीधी भरती प्रक्रिया में विशेषज्ञ के पद पर चयनित होने पर उनकी पूर्व सेवाएँ, पेंशन के लिये अर्हतादायी सेवा गणना में शामिल की जायेगी।