मध्‍य प्रदेश में धान की मिलिंग पर अब प्रोत्साहन राशि सौ रुपये प्रति क्विंटल करने की तैयारी

भोपाल। मध्‍य प्रदेश में धान की मिलिंग पर अब प्रोत्साहन राशि सौ रुपये प्रति क्विंटल करने की तैयारी प्रदेश में धान की मिलिंग तेजी से कराने के लिए मिलर्स को प्रति क्विंटल दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर सौ रुपये किया जा सकता है। सरकार ने पिछले दिनों ही यह राशि 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये की थी। इसके बाद भी मिलर्स ने मिलिंग में रुचि नहीं दिखाई। इसके चलते समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की मिलिंग से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए गठित मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक में प्रोत्साहन राशि बढ़ाने पर विचार किया गया। इस बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लेंगे।

प्रदेश में धान की मिलिंग बहुत धीमी गति से हो रही है। पिछले साल की धान अभी भी गोदामों में रखी हुई है। केंद्र सरकार द्वारा चावल की गुणवत्ता की जांच कराए जाने के बाद मिलर्स धान की गुणवत्ता को लेकर टेस्ट मिलिंग का दबाव बने रहे हैं लेकिन प्रदेश को अभी तक केंद्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी है।

मिलर्स का कहा है कि मिलिंग में लगातार घाटा हो रहा है। चावल बनने के बाद कनकी सहित जो उत्पाद बचता है, उसका बाजार कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित हुआ है। मिलर्स की समस्याओं के समाधान के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने उनकी मुख्यमंत्री के साथ बैठक कराई थी। इसमें मिलिंग की प्रोत्साहन राशि प्रति क्विंटल 25 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दी गई। इसके बाद भी मिलर्स ने रुचि नहीं दिखाई। इसे देखते हुए गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की उपसमिति की बैठक में प्रोत्साहन राशि सौ रुपये करने पर विचार किया गया।

बताया जा रहा है कि समिति राशि बढ़ाने के प्रस्ताव पर सहमत है पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे। बैठक में नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने पिछले तीन साल में धान की मिलिंग का ब्योरा समिति के सामने रखा। वहीं, आयुष मंत्री रामकिशोर कांवरे ने कहा कि ओपन केप (पक्का फर्श बनाकर अनाज रखने की जगह) को गोदाम में बदला जाना चाहिए। साथ ही मुख्य सड़क से गोदाम तक सड़क का निर्माण कराए जाने का प्रस्ताव भी उन्होंने रखा। बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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