भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) का बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में उपलब्ध जल स्त्रोतों एवं भूमि के स्वरूप के आधार पर जल संरक्षण की कार्य-योजना बनाकर लागू की जाए। MP की सभी जल संरचनाओं की GIS मैपिंग की जाए तथा इनकी सूचियाँ जिलेवार तैयार की जाएँ। जिला मुख्यालय पर जल शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जाए। ये केन्द्र जल संरक्षण एवं संवर्धन के विषय में सूचना, जागरूकता एवं ज्ञान के प्रसारण केन्द्र के रूप में कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ‘जल शक्ति अभियान : कैच द रेन’ का मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सभी जिलों में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने विश्व जल दिवस (World Water Day) पर इस अभियान की शुरूआत कर कहा कि भारत की आत्म-निर्भरता जल (Water) संसाधनों और जल सम्पर्क पर निर्भर है। हमारे पूर्वज हमारे लिए जल छोड़कर गए, अब हमारी जिम्मेवारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए जल का संरक्षण करें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘जल शक्ति अभियान : कैच दरेन’ कार्यक्रम के तहत वर्षा जल संचयन अभियान देश भर में ग्रामीण और शहरी इलाकों में चलाया जाएगा और इसका नारा होगा ‘जहाँ भी गिरे, जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें’। भारत (India) में वर्षा का अधिकतर जल बह जाता है। हम जितना बारिश (Rain) का पानी बचाएंगे, उतना हमारी भू-जल पर निर्भरता कम होगी। प्रधानमंत्री के आव्हान पर हमें वर्षा जल के संग्रहण के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जल संरचनाओं एवं उसके आस-पास किए गए अतिक्रमणों को हटवाएँ और उसके बाद इनकी मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य किया जाए। समुदाय को साथ लेकर छोटी नदियों एवं जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित किया जाए।जिले में उपलब्ध जल स्त्रोतों एवं भूमि के स्वरूप के आधार पर जल संरक्षण की कार्य-योजना बनाकर लागू की जाए। प्रदेश की सभी जल संरचनाओं की GIS मैपिंग की जाए तथा इनकी सूचियाँ जिलेवार तैयार की जाएँ।जिला मुख्यालय पर जल शक्ति केन्द्रों की स्थापना की जाए। ये केन्द्र जल संरक्षण एवं संवर्धन के विषय में सूचना, जागरूकता एवं ज्ञान के प्रसारण केन्द्र के रूप में कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मनरेगा (MANREGA) के अंतर्गत जल संरक्षण के लिए वॉटरशेड विकास के कार्य लिए जाए और सभी ग्राम पंचायतों (Gram Panchayat) के लिए GIS आधारित वॉटरशेड डेव्हलपमेंट प्लान बनाया जाए। आजादी के बाद देश में पहली बार सरकार जल परीक्षण पर गंभीरता से काम कर रही है। देश में कोविड महामारी (Coronavirus) के दौरान 4.5 लाख महिलाओं को जल की जाँच के लिए ट्रेंड किया गया। पानी के जाँच के इस अभियान में गाँव (Villege) में रहने वाली बहनों-बेटियों को जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में भी इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई हो।
ये भी निर्देश दिए
वृक्षारोपण आदि के माध्यम से कैचमेंट एरिया का ट्रीटमेंट
किया जाए।
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वित्त आयोग से प्राप्त अनुदान को ग्राम पंचायत स्तर पर
जल संरक्षण कार्यों में आवश्
नुसार उपयोग किया
जाए।
देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के आयोजनों के साथ
जल शक्ति अभियान को भी जोड़ा जाये।
जिले के सरकारी भवनों जैसे- आंगनवाड़ी भवन, पंचायत
भवन, स्कूल भवन, स्वास्थ्य केन्द्र आदि में ‘रूफ टॉप रेन
वाटर हार्वेस्टिंग’ की व्यवस्था की जाये।
प्रत्येक ग्राम एवं ग्राम पंचायत स्तर पर जल शपथ ली जाए
और जल शक्ति अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार कियाजाये।