प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल की इसी हफ्ते विस्तार कर सकते हैं। भाजपा के शीर्ष स्तर पर इसकी कवायद जारी है। कैबिनेट विस्तार में लगभग डेढ़ दर्जन नए मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावना है। पहले से ही अतिरिक्त प्रभार और इससे ज्यादा मंत्रालय संभाल रहे कई मंत्रियों का बोझ भी कम किया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में आगामी विधानसभा चुनाव वाले राज्यों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। हालांकि, इस बीच आज शाम यानी मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर शीर्ष मंत्रियों के साथ होने बैठक रद्द हो गई है।
बता दें कि इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण के साथ ही अन्य शीर्ष मंत्री शामिल होने वाले थे। अब यह बैठक किस दिन होगी, इसको लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है।
सांसदों को दिल्ली बुलाया
मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं के बीच असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और नारायण राणे समेत कई नेताओं को आज ही दिल्ली बुलाया गया है। ज्यादातर सांसद और नेता तीन आज दोपहर दिल्ली पहुंच रहे हैं।
बता दें कि जब मोदी सरकार बनी थी, तो कुल 57 मंत्री बनाए गए थे। इनमें 24 कैबिनेट, नौ स्वतंत्र प्रभार और 24 राज्यमंत्री शामिल थे। हालांकि, इनमें से कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं। शिवसेना एवं अकाली दल के अलग होने और रामविलास पासवान के निधन के बाद कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 21 रह गई है। एक राज्यमंत्री का भी निधन हुआ। इस प्रकार अभी कुल 53 मंत्री ही हैं, जबकि संविधान के अनुसार, मंत्रियों की संख्या 79 तक हो सकती है। बीते एक साल से करोना के चलते मंत्रिमंडल विस्तार की स्थितियां नहीं बन पाई थीं, लेकिन अब मंत्रिमंडल के विस्तार की तैयारी है।