नई दिल्ली: मौत एक ऐसा शब्द है जिसको हर कोई जानना चाहता है. मौत के बाद होता क्या है, क्या आत्मा होती है, अगर आत्मा होती है तो वो मौत के बाद जाती कहां है. क्यों ‘आदमी’ मौत के बाद शिथिल हो जाता है. पहले भी इस पर शोध हुए और अब भी जारी हैं. पर प्रकृति की थाह पाना आसान नहीं. प्रकृति के अनसुलझे बहुत से रहस्य हैं जो सुलझने का नाम ही नहीं लेते और उनमें से हैं आत्मा और मौत..
मौत से जुड़े रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिशें जारी
मौत के बारे में बात करना कोई अपशकुन या दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है बल्कि जीवन के एक विचित्र अनुभव के जरिए इस जीवन को समझने का बेहतर तरीका है. मौत के बाद आपकी ऊर्जा, आपकी चेतना का क्या होता है जैसे बहुत से सवाल मन में उठते हैं. पिछली कई सदियों से विज्ञान ने मौत से जुड़े रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिशें की हैं. कई रहस्यों से जीवविज्ञान के रहस्यों से परदा उठा भी है पर मौत के ऐसे बहुत से पहलु हैं जो अभी तक सामने नहीं आए हैं. इनके सवालों के जबाव अभी तक नहीं मिले हैं.
भौतिक जगत और सूक्ष्म जगत
हम जिस संसार में रहते हैं उसे भौतिक जगत कहा जाता है. लेकिन ये वास्तविक नहीं है. ये भगवान की कल्पना है. इसी प्रकार से ईश्वर की कल्पना के कई जगत हैं और ये तमाम लोक हमारे मन और आत्मा से जुड़े हुए हैं. भौतिक जगत के साथ एक सूक्ष्म जगत भी होता है. ये हमें ध्यान के जरिए देखना होता है. इस जगत में कई लोग रहते हैं लेकिन उनके पास धरती तत्व नहीं होता है इसलिए हम उनको नहीं देख सकते. कहा जाता है कि सूक्ष्म जगत में उन्नत आत्माएं ही जाती हैं.
मौत के बाद क्या होता है
मृत्यु के बाद दोबारा जन्म लेने के लिए काफी साल लग जाते हैं और कभी-कभी तुरंत नया जन्म मिल जाता है. व्यक्ति के कर्म फल भोगने के लिए नए शरीर का इंतजार किया जाता है. और तब तक आत्मा को निष्क्रिय रखा जाता है. मनुष्य के कर्म औऱ संस्कारों के हिसाब से गर्भ तैयार होता है, मनुष्य की आत्मा वहां पर प्रवेश के लिए नए शरीर का आकार लेती है.