मुरैना। यातायात थाने में पदस्थ आरक्षक ने रात में एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब कमरे के दरवाजे नहीं खुले तो साथियों ने देखा तो आरक्षक फांसी पर लटक दिखाई दिया। खास बात यह है कि आरक्षक के दोनों हाथ आगे की तरफ रस्सी से बंधे हुए थे, लेकिन कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था पुलिस अभी मामले की जांच में जुटी हुई है।
जानकारी के मुताबिक सोई मथुरा निवासी आरक्षक हरेंद्र जाट उम्र 28 साल यातायात थाने में पदस्थ था। अकेला होने की वजह से वह थाने में ही रहता था। आरक्षक हरेंद्र ने रात के समय थाने के पीछे वाले कमरे में जाकर फांसी लगा ली। थाने पर पदस्थ उसके साथी बाहर के कमरे में था। हरेंद्र ने उनके उनके कमरे की भी बाहर से कुंदी लगा दी।
इसके बाद अपने कमरे में जाकर फांसी पर झूल गया। साथी आरक्षक के कमरे की कुंदी नहीं खुली तो लाेगाें काे हैरानी हुई। जैसे-तैसे वह कमरे का दरवाजा खाेलकर बाहर निकले। जब हरेंद्र का कमरा देखा ताे उसकी भी कुंदी लगी हुई थी। जिससे साथियाें काे संदेह हुआ। जब दरवाजा खाेलकर देखा ताे हरेंद्र फांसी पर झूल रहा था। जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडे मौके पर पहुंच गए। जांच पड़ताल करने पर पता चला कि हरेंद्र रात 11 बजे से 1 बजे तक कई बार अंदर बाहर हुआ था और उसके हाथ में कुर्सी भी दिखाई दे रही है। हरेंद्र के हाथ आगे की तरफ बंधे हुए थे, लेकिन कुंदी अंदर से बंद थी। एेसे में मामला पेचीदा हो गया है, पुलिस अभी इस मामले की जांच में जुटी हुई है।