नई दिल्ली। देश के 14वें राष्ट्रपति का चुनाव सोमवार को होगा। इसके लिए कुल 32 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे। संसद तथा विधानसभाओं में मतदान सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक होगा। सांसद संसद में और विधायक अपने राज्यों की विधानसभा में वोट डालेंगे। चुनाव के लिए सांसदों को “हरा” और विधायकों को “गुलाबी” मतपत्र दिया जाएगा।
इस चुनाव में राजग ने रामनाथ कोविंद और विपक्षी दलों ने मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया है। 60 फीसद मतों के साथ कोविंद की जीत तय है। चूंकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए व्हिप जारी नहीं किया जाता है, इसलिए चुनाव में क्रॉस वोटिंग होने की भी संभावना है।
माना जा रहा है कि कोविंद राजग के बाहर से मिले वोटों के दम पर प्रणब मुखर्जी से ज्यादा मतों के साथ चुनाव जीत सकते हैं। साल 2012 के चुनाव में प्रणब ने 69 फीसद वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी पीए संगमा को हराया था।
नहीं ले जा सकेंगे अपना पेन
इस बार का चुनाव दो मायनों में खास होने जा रहा है। पहला यह कि वोटर मतदान कक्ष में अपना पेन नहीं ले जा सकेंगे। उन्हें चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खास पेन से ही वोट करना होगा। दूसरी बात यह कि आयोग ने वोटरों के लिए पहली बार “क्या करें और क्या नहीं करें” का स्पेशल पोस्टर तैयार कराया है। इसमें खास पेन के इस्तेमाल करने के साथ ही यह हिदायत भी दी गई है कि किसी प्रत्याशी के पक्ष में निर्देश या व्हिप जारी नहीं किए जाएं।
खास पेन की जरूरत क्यों
पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में इंक के कारण कुछ मत रद हो गए थे। इस पर भारी विवाद हुआ था। इसी के बाद आयोग ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में खास पेन के इस्तेमाल का फैसला किया। वोटरों को खास सीरियल नंबर वाले बैंगनी (वायलेट) इंक वाले पेन से ही वोट मार्क करना होगा। आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के समय ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी अन्य पेन का इस्तेमाल करने पर वोट अमान्य कर दिया जाएगा।
55 सांसद डालेंगे राज्यों में वोट
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर समेत 55 सांसदों को राज्य विधानसभाओं में वोट डालने की इजाजत दे दी है। इनमें 14 राज्यसभा और 41 लोकसभा के सदस्य हैं। इसके अलावा पांच विधायक संसद भवन स्थित मतदान केंद्र में वोट डालेंगे।