नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी और सरकारी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम ने कोरोनावायरस के संक्रमण से मृत्यु के मामले में क्लेम करने के लिए कुछ नियम शिथिल कर दिए हैं ताकि बीमा धारक के उत्तराधिकारी को शोक की घड़ी में किसी तरह की परेशानी ना हो।
COVID से मौत के मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी नहीं
कोरोना महामारी में अगर किसी ग्राहक की मौत हॉस्पिटल में होती है तो म्यूनिसिपल डेथ सर्टिफिकेट की जगह पर कुछ अल्टरनेट प्रूफ भी दिए जा सकते हैं। इस प्रूफ में कोई भी डेथ सर्टिफिकेट, डिस्चार्ज सम्मरी, मृत्यु का समय और तारीख के साथ डेथ सम्मरी जो सरकार, ईएसआई, आर्म्ड फोर्सेस, कॉरपोरेट हॉस्पिटल, एलआईसी क्लास-1 अधिकारी, या 10 वर्ष के अनुभव वाले डेवलपमेंट ऑफिसर, अंतिम संस्कार सर्टिफिकेट, दफनाने का सर्टिफिकेट या किसी प्राधिकरण की ओर से जारी सर्टिफिकेट दिया जा सकता है।
LIC कि किसी भी ब्रांच में डाक्यूमेंट्स जमा कर सकते हैं
कोरोना महामारी में ग्राहकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए एलआईसी ने क्लेम सेटलमेंट के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र समेत अन्य दस्तावेजों को जमा करने के लिए भी राहत दी है। अब आवेदक अपने किसी भी नजदीकी एलआईसी शाखा में जाकर डॉक्यूमेंट्स सबमिट कर सकते हैं। इसी तरह एन्युटी के लिए जीवन प्रमाण पत्र की तारीख के लिए 31 अक्टूबर 2021 तक छूट दी गई है। ईमेल के माध्यम से भेजे गए जीवन प्रमाण पत्र भी स्वीकार किए जाएंगे।