चेन्नई के एक अस्पताल में चौंकाने वाला वाकया सामने आाया है। वहां स्थित एक हॉस्पिटल के डॉक्टर जब 10 साल के बच्ची के दिमाग के सबसे संवेदनशील भाग में स्थित ट्यूमर का अॉपरेशन कर रहे थे तब वह लड़की अपने चाचा के सेलफोन में अपनी सबसे पसंदीदा गेम कैंंडी क्रश खेल रही थी। लड़की ने जागते रहने तथा अपने दूसरे अंगों को चलाने के साथ ही वह डॉक्टरों को विश्वास भी दिला रही थी कि वह सही कार्य कर रहे हैं।
कक्षा पांच की छात्रा तथा भरतनाट्यम डांसर नंदिनी को अचानक मिर्गी का दौरा पड़ने के कारण शहर स्थित एक हॉस्पिटल में लाया गया। वहां लड़की के ब्रेन को स्कैन करने पर यह मालूम हुआ कि उसके दिमाग के अतिसंवेदनशील हिस्से में ट्यूमर है जो कि शरीर के चेहरे, हाथ और पैर संबंधित ज्यादातर हिस्से को नियंत्रित करती है।
हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने नंदिनी के माता-पिता को बताया कि यदि इस ट्यूमर को अभी नहीं निकाला गया तो लड़की को आगे चलकर लकवा भी मार सकता है।
डॉक्टर्स ने बताया कि क्रानिऑटमी के द्वारा हम पेसेंट को बेहोश कर उसके सिर से उस विशेष भाग को हटा देते हैं, लेकिन यह केस हटकर था। इसमें लड़की के मस्तिष्क के सबसे संवेदनशील भाग में वह ट्यूमर था जिससे यदि मरीज को बेहोश कर ऑपरेशन किया जाता और गलती से भी कोई और नर्व छू भी जाता तो उसे लकवा मार सकता था।
डॉक्टर ने कहा कि इसलिए हमने पेसेंट को बेहोश न कर जागरुक तथा सतर्क रखकर यह ऑपरेशन करने का निर्णय किया। इससे हमें यह पता चलता कि मस्तिष्क के कौन से हिस्से को हमें छूना है और किसे नहीं।
इसमें लड़की के माता-पिता के संकोच करने पर डॉक्टर्स ने नंदिनी के चाचा की मदद ली। जो खुद एक डॉक्टर हैं। उन्होंने बताया कि जब हम ऑपरेशन थियेटर में नंदिनी का ऑपरेशन कर रहे थे तब वह मेरे सेलफोन पर कैंडी क्रश खेल रही थी। बीच में जब हम उसे अपने हाथ और पैर हिलाने को बोलते थे तब वह यह करके हमें दिखाती थी। इससे डॉक्टर निश्चिंत रहते थे कि हम सही भाग को छू रहे हैं। वह बहादुर लड़की है।