नेताओं के मुंह मे लगाम नहीं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने हिन्दू धर्म तथा ग्रन्थों पर मूर्खता पूर्ण बयान का सिलसिला जारी है। पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित बयानबाजी फिर आया. बिहार के शिक्षा मंत्री के बाद अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री व सपा नेता ने विवादित बयान दिया है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “रामचरतिमानस में सब बकवास है. रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है. तुलसीदास ने शूद्र को अधम जाति कहा है. जो कि सही नहीं है.”
वहीं, इसके पहले महाकाव्य रामचरितमानस के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की मुश्किलें बढ़ती दिखी. बिहार के एक से अधिक जिलों की अदालतों में कई याचिकाएं दायर की गईं हैं, जिनमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया, जबकि उनकी पार्टी ने कहा कि उन्होंने वास्तव में भाजपा जो कमंडलवादियों का प्रतिनिधित्व करती है, के बारे में कहा था.
बिहार के शिक्षा मंत्री ने की थी विवादित टिप्पणी
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 11 जनवरी को नालंदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मध्ययुगीन संत गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित रामायण के लोकप्रिय संस्करण रामचरितमानस पर टिप्पणी की थी. बाद में जब पत्रकारों द्वारा उनसे उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर वे अपनी बात पर अड़े रहे और कहा, “मनु स्मृति, रामचरितमानस और बंच ऑफ थॉट्स (आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर द्वारा लिखित) ने समाज में नफरत को बढ़ावा दिया है. यही कारण है कि इन (कार्यों) को दलितों और ओबीसी से विरोध का सामना करना पड़ रहा है.”