उज्जैन। देश के 14 वर्षीय मंसूर अनीस विश्व के यंगेस्ट पायलट बन गए हैं। मंसूर ने वैंकुवर (कनाडा) में 25 घंटे के अनुभव के बाद 10 मिनट अकेले विमान उड़ाकर जर्मनी के 15 वर्षीय पायलट का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रशिक्षक ट्रिपल एस फ्लाइंग इंस्टीट्यूट ने मंसूर को यंगेस्ट पायलेट का सर्टिफिकेट प्रदान किया है, जिसके बूते उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए दावा किया है।
मंसूर आठवीं के छात्र हैं, जो नयापुरा उज्जैन में पली-बढ़ी अपनी मां मुनीरा फैजी के साथ शारजाह (यूएई) में रहते हैं। मुनीरा विवाह के बाद से शारजाह के एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका हैं। मूल रूप से मंदसौर के रहने वाले पिता अली असगर अनीस वहां एक हॉस्पिटल में इंजीनियर हैं। मंसूर को शुरुआती ट्रेनिंग उसके दिल्ली निवासी पायलट मामा काईद फैजी से मिली।
उन्होंने मंसूर को सिमुलेटर पर ट्रेनिंग दी, जरूरी मशीनरी और सॉफ्टवेयर दिए। गत वर्ष जब मंसूर ने पायलट बनने की इच्छा का इजहार किया तो कनाड़ा के वैंकुवर में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। 25 घंटे के अभ्यास के बाद 30 अगस्त को मंसूर ने अकेले सेसना विमान उड़ाया और सुरक्षित लैंडिंग भी की।
मां शिक्षक, कहा- हर बच्चे में होता है हुनर, बस उसे पहचानकर सही डायरेक्शन दें
शिक्षक दिवस (5 सितंबर) से कुछ दिन पहले ही एक महिला शिक्षक के बेटे ने कीर्तिमान रचा है। मुनीरा फैजी ने नईदुनिया के माध्यम से उन तमाम बच्चों के माता-पिता और शिक्षकों से कहा कि हर बच्चे में काबिलियत होती है। बस जरूरत है इसे पहचानने और सही डायरेक्शन देने की। मंसूर के मामले में मैंने यही किया। उसने जो चाहा उसे करने दिया। सोच को बांधा नहीं।