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विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप: फाइनल हार कर भी भारतीयों का दिल जीत गईं PV सिंधु

विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप: फाइनल हार कर भी भारतीयों का दिल जीत गईं PV सिंधु

ग्लासगो। भारत की पीवी सिंधु रविवार को कड़े संघर्ष के बाद जापान की नोजोमी ओकुहारा से विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पराजित हो गई। सिंधु को रजत पदक पर संतोष करना पड़ा। भारत की साइना नेहवाल ने कांस्य पदक जीता था।

नोजोमी ओकुहारा ने तीन गेमों के कड़े संघर्ष के बाद अोलिंपिक रजत पदक विजेता सिंधु को 21-19, 20-22, 22-20 से हराया। यह मुकाबला करीब दो घंटे चला। वे विश्व बैडमिंटन चैंपियन बनने वाली जापान की पहली खिलाड़ी बन गई। 
सिंधु का यह विश्व चैंपियनशिप में तीसरा पदक है। उन्होंने इससे पहले 2013 (गुआनझोऊ) और 2014 (कोपनहेगन) में कांस्य पदक जीता था। वे विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में तीन पदक जीतने वाली भी भारत की पहली खिलाड़ी हैं। यह विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के इतिहास में भारत का कुल सातवां पदक है। 
जापानी खिलाड़ी ने चौथी वरीयता प्राप्त तथा रियो ओलिंपिक की रजत पदक विजेता सिंधु के खिलाफ इस जीत के साथ अपना रिकॉर्ड भी सुधार लिया। इन दोनों के बीच अभी तक सात मैच हुए जिनमें से नोजोमी ने 4 और ओकुहारा ने 3 मैच जीते। 
ओकुहारा ने सेमीफाइनल में भारत की साइना नेहवाल को हराया था और फाइनल में वे सिंधु पर भारी पड़ी। ापानी खिलाड़ी ने पहला गेम 21-19 से जीता। दूसरा गेम बहुत संघर्षपूर्ण रहा। 20-20 के स्कोर पर 73 शॉट की मैराथन रैली के बाद सिंधु ने अंक अर्जित कर बढ़त बनाई और फिर अगला अंक लेते हुए इस गेम को 22-20 से जीतकर मैच में 1-1 की बराबरी की। तीसरा गेम भी करीबी रहा और नोजोमी ने इसे 22-20 से जीतकर विश्व खिताब हासिल किया।

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