कटनी। सिंधी समाज के अमर शहीद हेमू कालानी जिन्होंने मात्र 19 वर्ष की आयु में अपने कुछ साथियों के साथ अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था। अदालत ने उन्हें पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई जो बाद में मृत्यु दण्ड में बदल दी गई। वे हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए थे। क्रांतिवीर अमर शहीद हेमू कालानी के 79 शहीदी दिवस पर आज सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यों ने अमर शहीद के बलिदान को याद करते हुए स्थानीय फर्स्ट स्टेप स्कूल में उनके तैल चित्र पर दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत मां की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारों से सभी जोश में भर उठे। कार्यक्रम में सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया की अध्यक्ष नीलम जगवानी, सचिव सोनिया बत्रा, कोषाध्यक्ष नीतू लालवानी , सह सचिव लक्ष्मी खूबचंदानी, वाणी बजाज, एवं स्कूल स्टाफ की उपस्थिति रही। समिति द्वारा हेमुकालानी के बलिदान को याद करते हुए युवाओं को उनसे से प्रेरणा लेने की अपील की गई। वीर शहीद हेमू कालानी का इतनी छोटी उम्र में किया बलिदान देश के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है एवं सिंधी समाज को है हेमुकालानी की शहादत पर हमेशा नाज रहेगा