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शरद यादव के एक इशारे पर आज ही गिर सकती है नीतीश की नई सरकार ?
पटना। बिहार विधान सभा में आज शुक्रवार (28 जुलाई) को नीतीश कुमार अपना बहुमत साबित करेंगे। बुधवार शाम से हुए सूबे की सियासी फिजा में तेजी से आए बदलाव के बीच जोड़तोड़ की राजनीति के भी संकेत मिलने लगे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि बहुमत परीक्षण में सबसे अहम रोल शरद यादव है। अगर शरद यादव खिलाफ चले गए तो नीतीश की ये सरकार एक दिन बाद ही गिर सकती है।
क्या मान गए हैं शरद
बिहार में कुल 243 विधान सभा सीटें हैं। लालू यादव की राजद के पास 80, जदयू के पास 71, एनडीए (बीजेपी और उसके साझेदार) के पास 58 और कांग्रेस के पास 27 सीटें हैं। अन्य सात सीटें भाकपा(माले) और निर्दलियों के पास हैं।
क्या है गणित
बहुमत के लिए 122 का विधायकों का समर्थन चाहिए। एनडीए और जदयू के सांसदों को मिलाकर आंकड़ा 129 हो जाता है। नीतीश ने 132 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। लेकिन तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि जदयू के 24 विधायक उनके संपर्क में हैं। जदयू में 11 यादव और पांच मुस्लिम विधायक हैं जिनके ऊपर राजद से हाथ मिलाने का संदेह जताया जा रहा है। इनके अलावा जदयू के ऐसे विधायक जो शरद यादव के करीबी हैं उनको लेकर भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। जदयू सांसद अली अनवर ने खुलकर नीतीश के फैसले का विरोध किया। पार्टी के राज्य सभा सांसद बिरेंद्र कुमार भी राष्ट्रपति चुनाव के समय नीतीश के रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के फैसले का विरोध कर चुके हैं।