शाहीन बाग प्रदर्शन में शनिवार को चौथे दिन बातचीत के लिए पहुंची सुप्रीम कोर्ट की वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने एक बार फिर रास्ता खाली करने की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराने का लिखित आश्वासन मांगा। उन्होंने अन्य कई मांगें भी रखीं। इनमें प्रमुख जामिया नगर हिंसा में दर्ज मुकदमे वापस लेने की है।
साधना ने करीब डेढ़ घंटे तक प्रदर्शनकारियों से बातचीत का प्रयास किया, लेकिन अंत में यह पूरी तरह विफल दिखी। चौथे दिन वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े वार्ता में नहीं पहुंचे। वार्ताकार रविवार को अंतिम दिन भी प्रयास करेंगे। इसके बाद कोर्ट के सामने पूरी रिपोर्ट पेश की जानी है।
सीएए के खिलाफ दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे प्रदर्शन के कारण बंद रास्ते को खुलवाने के लिए पहुंची साधना रामचंद्रन ने केवल महिलाओं से बातचीत की और मीडिया को भी वहां से हटने को कहा। वे प्रदर्शनकारियों को स्थान बदलने के लिए मनाती रहीं। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एक तरफ की सड़क खोलने के लिए भी कुछ शर्तें रख दीं।
उन्होंने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश जारी करे। उन्होंने कहा कि मीडिया गलत खबर दिखाकर शाहीन बाग के प्रदर्शन को दुनियाभर में बदनाम करने का प्रयास कर रहा है। वे पुलिस पर भी भरोसा नहीं कर सकते। इसलिए कोर्ट खुद अपनी निगरानी में पूरा मामला देखे। कोर्ट सभी प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा का पूरा आश्वासन दे, इसके बाद ही दूसरी तरफ की सड़क को खाली किया जा सकता है।
उन्होंने मांग की कि शाहीन बाग और जामिया नगर में लोगों पर दर्ज केस और नोटिस को वापस लिया जाए। साथ ही, जामिया नगर में हुई हिंसा में पुलिस की भूमिका की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। शाहीन बाग प्रदर्शन पर अभद्र टिप्पणी करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं पर कार्रवाई की जाए।
स्टील शीट से चाहते हैं फूलप्रूफ सुरक्षा
अपनी सुरक्षा के लिए प्रदर्शनकारी स्टील शीट से फूलप्रूफ सुरक्षा घेरा बनवाना चाहते हैं। वार्ताकार के सामने उन्होंने आशंका जताई कि एक तरफ का रास्ता खाली होने पर उन पर कोई भी हमला कर सकता है। इस दौरान उन्होंने रास्ता बंद होने के कारण लाखों लोगों को हो रही परेशानी का तर्क सुनने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि नोएडा से फरीदाबाद जाने के लिए कई दूसरे रास्ते भी उपलब्ध हैं। लोग उन रास्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
तीन दिन तक समझाने के प्रयास रहे हैं नाकाम
वार्ताकार तीन दिन से प्रदर्शनकारियों को रास्ता खाली कराने के लिए मनाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वे नहीं मान रहे। शुक्रवार को संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि हम सब देख रहे हैं और आपकी बात कोर्ट में उठाएंगे। वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आप सड़क खोल दें, फिर देखिए कितने रास्ते आपके लिए खुल जाएंगे।
कई धड़ों में बंटे हैं प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारी कई धड़ों में बंटे हुए हैं। इनका एक धड़ा धरनास्थल छोड़कर यातायात चालू कराने पर राजी है तो दूसरा पक्ष कतई राजी नहीं है। वार्ताकार सभी धड़ों को संतुष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं।