शिवसेना को ये बात अच्छी तरह समझ आ गई है कि बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करने के फायदे हैं, तो नुकसान भी है। पार्टी के अंदर से कई बार ऐसी प्रतिक्रियाएं आती रही हैं, जिसमें नेताओं ने बीजेपी से नाता तोड़ने पर असहमति जताई है। इसी कड़ी में शिवसेना ने एक विधायक प्रताप सरनाइक ने उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर बीजेपी से दुबारा हाथ मिलाने की अपील की है। वैसे इस सलाह के पीछे पार्टी से ज्यादा उनके अपने हित छिपे हैं।
Shiv Sena MLA Pratap Sarnaik writes to Maharashtra CM. His letter reads, 'NCP & Congress want their own CM. Congress wants to contest alone & NCP is trying to break away leaders from Shiv Sena. There seems to be veiled support from Centre, no central agency is behind NCP leaders' pic.twitter.com/j9nIoTFOjJ
— ANI (@ANI) June 20, 2021
प्रताप सरनाइक ने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस जो गठबंधन सहयोगी है, निगम चुनावों में अकेले उतरेगी, जबकि दूसरे गठबंधन सहयोगी NCP, शिवसेना के विधायकों को अपने पाले में ले जाने की कोशिश में जुटी है। वहीं केन्द्रीय एजेंसियां भी जानबूझकर शिव सेना के नेताओं को परेशान कर रही है। ऐसे में बेहतर होगा कि बीजेपी से ही फिर से हाथ मिला लिया जाए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thcakrey) को लिखे पत्र में शिव सेना विधायक प्रताप सरनाइक (Pratap Sarnaik) ने कहा है कि मौजूूदा परिस्थितियों को देखते हुए पूर्व सहयोगी के साथ जरूर हाथ मिलाना चाहिए। विशेष रूप से मुंबई और ठाणे सहित कई आगामी निगम चुनावों के लिए समझौता करना चाहिए। महाराष्ट्र विधानसभा में ठाणे के ओवाला-माजीवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रताप सरनाइक ने कहा कि हालांकि बीजेपी और शिवसेना अब सहयोगी नहीं हैं, लेकिन उनके नेताओं के अच्छे संबंध हैं।
सरनाइक ने अपने पत्र में ये भी लिखा है, “कई केंद्रीय एजेंसियां मेरे पीछे पड़ी हैं. मेरे अलावा शिवसेना के अन्य नेताओं अनिल परब और रवींद्र वायकर और उनके परिवारों को भी इन एजेंसियों द्वारा परेशान किया जा रहा है। अगर शिवसेना और बीजेपी फिर साथ आ जाते हैं तो इन नेताओं को इस तरह के उत्पीड़न से बचाया जा सकता है।”