नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद जारी हुए नए नोटों को लेकर कांग्रेस पहले दिन से सरकार को निशाना बनाती आ रही है। इस बार उसने सरकार पर दो तरह के नोट छापने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता कपिल सिबल ने मंगलवार को यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि यह सदी का सबसे बड़ा घोटाला है।
खबरों के अनुसार विपक्ष ने राज्यसभा में दावा किया कि सरकार एक ही डिनोमिनेशन के दो अलग-अलग प्रकार के नोट छाप रही है। इस क्रम में कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने एक ही नोट के दो तरह की फोटोकॉपी दिखाई।
उन्होंने कहा कि यह पता चल गया है कि सरकार ने नोटबंदी क्यों की। सिब्बल ने कहा’ ‘रिजर्व बैंक दो तरह के नोट छाप रहा है, अलग-अलग साइज के, अलग-अलग डिजाइन के, अलग-अलग फीचर्स के।’ उन्होंने कहा, ‘आज हमें पता चला है कि ऐसा क्यों हो रहा है? जो नोट भाजपा कार्यकर्ता के पास चुनाव के दौरान आए, वो यही नोट हैं।’ इसके बाद संसद में उपस्थित विपक्ष के सभी सांसद ‘शेम-शेम’ के नारे लगाने लगे।
विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस सदी का यह सबसे बड़ा घोटाला है। दो तरह के हजार और पांच सौ के नोट की छपाई हुई है। एक पार्टी चलाए और एक सरकार चलाए। आजाद ने कहा, ‘इतनी भ्रष्ट सरकार को पांच मिनट भी सत्ता में रहने का हक नहीं है।’
इस पर जेडी(यू) सांसद शरद यादव ने भी कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है। सरकार को जवाब देना होगा। एक ही मूल्य के दो तरह के नोट नहीं छापे जा सकते। एक नोट छोटे हैं और एक बड़े। इस पर उपसभापति ने कहा कि वह इस मामले के एक्सपर्ट नहीं हैं। इसलिए सांसदों को अलग से नोटिस देना होगा, तभी इस मुद्दे पर कोई चर्चा हो सकती है।
विपक्षी सांसदों के शोरगुल के बीच भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आपने (कांग्रेस ने) हमेशा भ्रष्टों को बचाया। ऐसे बेबुनियाद आरोप नहीं लगाया करें। फिर सत्ता पक्ष के नेता सदन मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पहले यह पता करना चाहिए कि इन्हें ये नोट मिले कहां से? वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर शून्य काल का वक्त बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष जीरो आवर को लगातार बाधित कर रहा है।’