सन्यास वाले दिन Sachin Tendulkar ने MP के सीहोर पहुंच कर 650 आदिवासी बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा लिया
सन्यास वाले दिन सचिन तेंदुलकर ने MP के सीहोर जिले के 650 आदिवासी बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा लिया
Sachin Tendulkar। दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने जिले के 650 आदिवासी बच्चों के भाग्य निर्माण का जिम्मा उठाया। उन्होंने बच्चों की सहायता के लिए एक गैर सरकारी संगठन के साथ हाथ मिलाया है। तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने ‘एनजीओ परिवार’ के साथ साझेदारी की है, जिसने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के दूरदराज के गांवों में सेवा कुटीर बनाए हैं। इन्हीं में से एक सेवा कुटीर सेवनिया में मंगलवार को सचिन पहुंचे।
वे यहां बच्चों से मिलेंगे और उनका हाल जानकर उन्हें बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए भी प्रयास करेंगे। उन्होंने आज का दिन इसलिए भी चुना है क्योंकि यह दिन सचिन के लिए बहुत ही खास है। आज ही के दिन सचिन तेंदुलकर ने 2013 में क्रिकेट से संन्यास लिया था।
सीहोर जिले के गांव सेवनिया, बीलपाटी, खापा, नयापुरा और जामुन झील के बच्चों को अब तेंदुलकर फाउंडेशन की मदद से पोषण भोजन और शिक्षा मिल रही है। बच्चे मुख्य रूप से बरेला भील और गोंड जनजाति के हैं। जिनमें अधिकतर माध्यमिक शाला के छात्र हैं।
सेवा कुटीर में छात्रों के भोजन का और शैक्षणिक सामग्री का विशेष ध्यान रखा जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि यहां छात्रों को प्रतिदिन दोनों समय भोजन, नाश्ता व पोषण आहार दिया जाता है। साथ ही सप्ताह में एक दिन विशेष भोज दिया जाता है। सेवनिया में करीब 30 बच्चे हैं। जिन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। जानकारी अनुसार सचिन ने प्रदेश के करीब 42 गांवों में सेवा कुटीर बनाए हैं। जिनमें से सेवनिया और देवास जिले के बच्चों से मिलने वे पहुंचे हैं।
खातेगांव के संदलपुर में सचिन तेंदुलकर
यहां से वह नजदीकी गांव सेमरी में जाकर बच्चों से बातचीत करेंगे। उनके आगमन को लेकर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। सचिन तेंदुलकर मंगलवार को सुबह इंदौर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि वह सलकपुर में विजयासन माता के दर्शन भी करेंगे।