नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाला परिवार नियोजन भत्ता अब बंद किया जा रहा है। कैबिनेट सचिव को भी अब मासिक मनोरंजन भत्ता नहीं मिलेगा।इसके अलावा कुछ श्रेणियों में आहार, बाल कटाने और साबुन के मद में दिए जाने वाले भत्तों को भी खत्म किया जा रहा है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार ने वित्त सचिव अशोक लवासा के नेतृत्व में भत्तों पर गठित समिति की ज्यादातर सिफारिशों को मंजूर कर लिया है।इसके मुताबिक, बहुत सारे अनुदानों को या तो खत्म कर दिया गया है या फिर उन्हें संशोधित किया गया है। अंतिम संस्कार और साइकिल खरीदने के लिए दिए जाने वाले भत्तों को संशोधन के साथ बरकरार रखा गया है।
28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में भत्तों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। छह जुलाई को इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी। लवासा के नेतृत्व में गठित समिति ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर विचार करने के बाद 27 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी।
इसके बाद केंद्र सरकार ने 34 संशोधनों के साथ समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि प्रतिष्ठित अतिथियों के मनोरंजन के लिए कैबिनेट सचिव को 10 हजार रुपये मनोरंजन भत्ता दिया जाता था।
कैबिनेट सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारियों को गोपनीय भत्ता दिया जाता था। इन दोनों भत्तों को खत्म कर दिया गया है।
लेकिन, साइकिल और अंतिम संस्कार भत्ते पर सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिश नहीं मानी। वेतन आयोग ने इन्हें खत्म करने की सिफारिश की थी। लेकिन, संशोधनों के साथ इन्हें बरकरार रखा गया है।