सागर में दिखेगी महिला शक्ति, 6 महिला अफसर निकली 7 महीने की समुद्र परिक्रमा पर

सागर में दिखेगी महिला शक्ति, 6 महिला अफसर निकली 7 महीने की समुद्र परिक्रमा पर

पणजी। भारतीय नौसेना की छह महिला अफसर रविवार को पहली बार अकेली “नाविका सागर परिक्रमा” पर निकलीं। गोवा के मांडोवी नौसेना प्रशिक्षण केंद्र में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने उन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रक्षा मंत्री ने इसे भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए नौसेना का ऐतिहासिक दिन बताया।

परिक्रमा 200 दिन में अप्रैल-2018 तक पूरी होगी और सभी गोवा लौट आएंगी। आईएनएस “तारिणी” से परिक्रमाये महिला अफसर भारत में निर्मित आईएनएसवी “तारिणी” से पृथ्वी की परिक्रमा करेंगी। 55 फीट लंबा यह पोत इसी साल नौसेना में शामिल किया गया है।
ले. कमांडर वर्तिका को नेतृत्व
अभियान की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के हाथ में है। उन्होंने बताया कि इस विश्व परिक्रमा की शुरुआत गोवा से होगी और ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व फॉकलैंड होते हुए अगले साल अप्रैल में गोवा वापस लौटेगी। वर्तिका ने कहा कि यह मिशन क्रांतिकारी है और अन्य महिलाएं भी इससे प्रेरित होंगी।
ये छह महिलाएं हैं सवार
लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी
– उत्तराखंड से हैं। इससे पहले आईएनएसवी महादेई और तारिणी की कैप्टन रह चुकी हैं। गहरा अनुभव।
लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल
– हिमाचल प्रदेश से हैं। गोवा से पोर्ट ब्लेयर, गोवा से मॉरिशस और गोवा से कैपटाउन का सफर कर चुकी हैं।
पी. स्वाति
– आंध्र प्रदेश से हैं। सबसे बड़ी ट्रांस अटलांटिक अंतरमहाद्वीपीय रेस में हिस्सा ले चुकी हैं। कैपटाउन से रियो डी जेनेरियो तक सफर कर चुकी हैं।-
लेफ्टिनेंट एस. विजया देवी
– मणिपुर की हैं। वर्ष 2014 से समुद्रीय यात्राओं पर जा रही हैं।-
बी. ऐश्वर्या
– तेलंगाना की हैं। आईएनएसवी महादेई और तारिणी पर सफर कर चुकी हैं।-
पायल गुप्ता
– उत्तराखंड की हैं। अच्छी नाविक हैं।
इन सभी ने आईएनडब्ल्यूटीसी मुंबई में नौवहन का प्रशिक्षण लिया है।
मोदी ने किया ट्वीट
“आज बेहद खास दिन है। नेवी की 6 महिला क्रू-मेंबर सागर परिक्रमा पर निकली हैं। पूरे देश को एकसाथ मिलकर इस टीम का हौसला बढ़ाना चाहिए।”- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
20 हजार मील सफर कर चुकीं
तारिणी में सवार सभी महिला क्रू-मेंबर प्रशिक्षण के दौरान 20 हजार समुद्री मील का सफर कर चुकी हैं। इनमें आईएनएस महादेई व तारिणी का उपयोग किया गया था। ये सभी 2016 व 2017 में मॉरीशस अभियान पर भी गई थीं।
“नारी शक्ति” पर जोर
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि अकेली महिलाओं को सागर परिक्रमा अभियान पर भेजना “नारी शक्ति” को सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन का हिस्सा है। इससे पहले कैप्टन दिलीप दोंडे भारत के एकल सागर परिक्रमा अभियान को पूरा कर चुके हैं।
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