Corona Update : कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच कोरोना के एक नये वैरिएंट ने कई देशों में हलचल मचा दी है। फिनलैंड ने कोरोनोवायरस के ‘म्यू’ वेरिएंट के पहले मामले की सूचना दी है। यह जनवरी 2021 में पहली बार कोलंबिया में पाया गया था, और इसका वैज्ञानिक नाम B1.621 है। इसे पिछले महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘variant of interest’ के रूप में वर्गीकृत किया गया था। फिनिश शोधकर्ताओं की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिनलैंड के अलावा 39 अन्य देशों में कोरोनावायरस के ‘म्यू’ वैरिएंट का पता चला है। इनके मुताबिक वायरस के अन्य प्रकारों की तुलना में यह वेरिएंट संक्रामक रोग का कोई अतिरिक्त खतरा पैदा नहीं करता है।
उधर WHO ने सूचना दी है कि कोरोना का म्यू वेरिएंट कई म्यूटेशन का जोड़ है, जिससे लोगों को ज्यादा खतरा है। हाल ही में WHO ने कोरोना महामारी पर अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा था कि यह वेरिएंट कई म्यूटेशन का जोड़ है, जो वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी से बचने में कारगर है। ‘म्यू’ को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, इसके म्यूटेशन कोरोना के खिलाफ वैक्सीन लगवाने के बाद भी शरीर को संक्रमित कर सकते हैं। इनके मुताबिक कोविड के यह नया वेरिएंट अपना रूप बदल रहा है, इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए रिसर्च करने की जरूरत है।
अच्छी बात ये है कि WHO के मुताबिक कोरोना का म्यू वेरिएंट अब तक भारत में नहीं पाया गया है। इसके अलावा एक और म्यूटेशन c.1.2 का भी कोई मामला भारत में देखने को नहीं मिला है। वैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक जिन लोगों ने दोनों वैक्सीन ले ली है, उनको भी म्यू वैरिएंट अपनी चपेट में ले सकता है।