दीपावली पर आपकी सबसे ज्यादा पसंदीदा मिठाई मिलावटी होगी तो यह आपको कैसे पता लगेगा? स्वाभाविक है इसे पहचानना टेढ़ी खीर लेकिन मध्यप्रदेश में जिस मावे से यह मिठाई बन रहीं वही मिलावटी है। तो आपको भी सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि एमपी के ग्वालियर में जो मावा जप्त किया गया वो सिर्फ ग्वालियर ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों में भी पहुंचता है।
त्यौहारी सीजन के चलते अबकी बार ग्वालियर से जो मावा की खेप भोपाल सप्लाई की गई थी उसमें कास्टिक सोडा और आयल फैट निकला है। हैरानी की बात यह है कि कास्टिक सोडा केमिकल क्लीनिंग एजेंट है जिसका उपयोग वाशिंग पाउडर और साबुन जैसे अखाद्य पदार्थों में किया जाता है। ग्वालियर के मावा कारोबारी जबर सिंह नरवरिया और रामबरन बघेल ने यह मावा भोपाल के 14 करोबारियों को भेजा था और भोपाल क्राइम ब्रांच ने आठ अक्टूबर को इस खेप को पकड़कर खाद्य सुरक्षा विभाग से सैंपल कराए थे। जांच रिपोर्ट में यह मिलावटी मावा निकला। इस मामले में ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है,इन कारोबारियों की जानकारी जुटाकर रासुका लगाने की तैयारी है।
भोपाल क्राइम ब्रांच को आठ अक्टूबर को सूचना मिली थी कि दाे ट्रकाें से बड़े पैमाने पर मिलावटी मावा लाया जा रहा है। सूचना आधार पर शाहजहांनाबाद स्थित माडल ग्राउंड के पास एवं बैरसिया राेड स्थित सिंधी कालाेनी के पास से दो ट्रकाें काे राेककर तलाशी लेने पर उनमें मावा मिला। मावे में मिलावट हाेने का संदेह हाेने पर प्रशासन की खाद्य सुरक्षा शाखा काे सूचना दी गई। मौके पर पहुंची चलित लैब में जांच करने पर 16 क्विंटल मावे में प्रारंभिक तौर पर मिलावट बात सामने आई। इसके बाद इस मावे को जब्त कर आठ सैंपल लैब भेजे गए। एक ग्राम कास्टिक सोडा भी अमान्य लैब की रिपोर्ट सोमवार को आई जिसमतें चार सैंपल में कास्टिक सोडा पाया गया है। नियमों के अनुसार खाद्य पदार्थों में कास्टिक सोडा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। वहीं अन्य चार सैंपल में दूध के अतिरिक्त किसी अन्य आयल की मिलावट होना पाया गया है। अधिकारियों के अनुसार यह वनस्पति घी भी नहीं बल्कि सस्ता पाम आयल हो सकता है जिसका सेवन सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है।