सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि न्यायपालिका को भाषाई स्तर पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को फैसलों को क्षेत्रीय भाषा में भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए, ताकि लोगों को इसकी जानकारी हो सके और ये आम लोगों को तक पहुंच सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। पीएम ने CJI के इस बयान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि ये एक प्रशंसनीय विचार है, और इससे सभी लोगों को , खास तौर पर युवाओं को बहुत मदद मिलेगी।
At a recent function, the Hon’ble CJI Justice DY Chandrachud spoke of the need to work towards making SC judgments available in regional languages. He also suggested the use of technology for it. This is a laudatory thought, which will help many people, particularly youngsters. pic.twitter.com/JQTXCI9gw0
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2023
पीएम मोदी ने इसी विषय पर दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा, ‘केंद्र सरकार भी देश में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम उठा रही है। क्षेत्रीय भाषाओं में छात्रों को विषय-वस्तु भी उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है। इनमें इंजीनियरिंग और मेडिसिन जैसे विषय शामिल हैं, जो मातृभाषा में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।’
CJI का बयान
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘हमारा अगला उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट की कॉपियों को हर भारतीय की भाषा में उस तक पहुंचाना है। जबतक हम अपने नागरिकों से उस भाषा में बात नहीं करेंगे जो कि वह समझते हैं, तब तक हम जो कर रहे हैं, वह 99 प्रतिशत लोगों तक नहीं पहुंच पाएगा।’ अपने संबोधन में जस्टिस चंद्रजूड़ ने कहा कि जब तक हम लोगों की भाषा में उनसे संपर्क नहीं करेंगे, तब तक लोग इससे अनजान बने जाएंगे।