कटनी। कलेक्टर अवि प्रसाद ने प्रसव उपरांत मृत महिला के मामले में स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित चार स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस जारी किया। कलेक्टर अवि प्रसाद ने जिला चिकित्सालय में प्रसव उपरांत महिला रंजीता कोल की मृत्यु के मामले मे डाॅ सीमा शिवहरे स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित मेडिकल आफीसर डाॅ शिवम दुबे, ए.एन.एम विजय लक्ष्मी परस्ते और सी.एच.ओ प्रियंका चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी करके 3 दिवस के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए है।
लापरवाही एवं पदीय दायित्वों के निर्वहन में कोताही के मामले में तीन दिन के भीतर तलब किया सकारण जवाब
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ सीमा शिवहरे को जारी नोटिस मे कहा गया है कि प्रसव उपरांत महिला रंजीता कोल की 21 दिसंबर 2023 को उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। लेकिन 20 दिसंबर की रात 8ः40 बजे जिला चिकित्सालय के मेटरनिटी वार्ड में भर्ती कराने के बाद भी डाॅ सीमा शिवहरे द्वारा रंजीता कोल को रात्रि 11ः40 बजे पहली चेकअप किया गया। उस समय ब्लड रिपोर्ट में पीलिया 14.7 मिलीग्राम आया था, जो कि डेंजर लेबल से बहुत ज्यादा था एवं मरीज को सुपर स्पेसिलिटी केयर की जरूरत थी । इस कंडीशन में मरीज को तत्काल मेडिकल काॅलेज रेफर करना चाहिए था, जो कि आपके द्वारा नहीं किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि आपके द्वारा पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही एवं शासकीय कार्यो के संपादन में कोई रूचि नहीं ली जा रही है।
इसी प्रकार पी.एच.सी स्लीमनाबाद के मेडिकल आफीसर डाॅ शिवम दुबे को भी कारण बताओ नोटिस कलेक्टर श्री प्रसाद ने जारी करते हुए कहा है कि प्रत्येक ए.एन.सी के दौरान गर्भवती की एक बार मेडिकल आफीसर से जांच कराया जाना आवश्यक था। किंतु प्रसूता रंजीता कोल के मामले में ऐसा नहीं कराया गया। साथ ही रंजीता कोल को स्लीमनाबाद से जिला चिकित्सालय कटनी रिफर किया गया। जबकि ब्लड रिपोर्ट के अनुसार मृतक रंजीता कोल को जिला चिकित्सालय कटनी के बजाय यदि सीधे मेडिकल काॅलेज रेफर किया जाता तो उपचार के लिए गोल्डन टाईम वेस्ट नहीं होता। यह आपके पदीय दायित्वों में लापरवाही का द्योतक है।
इसी प्रकार उप स्वास्थ्य केन्द्र पड़वार की सी.एच.ओ प्रियंका चौधरी को जारी कारण बताओ नोटिस मे उल्लेखित किया गया है कि मृतक रंजीता कोल की 5 ए.एन.सी चेकअप हुई है। किंतु किसी भी जांच में एम.सी.पी कार्ड में पीलिया, हेपेटाईटिस, एच.आइ.वी, यूरिन जांच और शुगर जांच की प्रविष्टि नहीं हुई है। जिससे मृतक की पीलिया के बारे में पहले से पता हो जाना था। प्रियंका चैधरी द्वारा आधी-अधूरी जांच की गई। जिससे महिला की हाई-रिस्क डायग्नोसिस नहीं हो पाई। हर ए.एन.सी के द्वारा एक बार मेडिकल आफीसर से जांच कराया जाना आवश्यक था किंतु नहीं कराया गया।
इसी प्रकार ए.एन.एम विजय लक्ष्मी परस्ते उप स्वास्थ्य केन्द पडवार द्वारा भी पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई। जिसमें मृतक महिला रंजीता कोल की 5 ए.एन.सी चेकअप किये गए। परंतु किसी भी चेकअप के दौरान एम.सी.पी कार्ड में पीलिया, हेपेटाईटिस, एच.आई.वी, यूरिन जांच और शुगर जांच की प्रविष्टि नहीं हुई। जिससे मृतक की पीलिया जांच के बारे में पहले से पता हो जाना था। आधी-अधूरी जांच होनें से महिला की हाई रिस्क डायग्नोसिस नहीं हो पाई। साथ ही मेडिकल आफीसर से जांच कराया जाना आवश्यक था, जो कि नहीं किया गया। इसे कलेक्टर ने लापरवाही पूर्ण कृत्य मानते हुए सभी चार शासकीय कर्मियों से तीन दिवस के भीतर कारण बताओ नोटिस का सकारण जवाब प्रस्तुत करनें के निर्देश दिए है।
विदित हो कि कलेक्टर श्री प्रसाद ने प्रसव उपरांत महिला रंजीता कोल की अत्यधिक रक्तस्राव से हुई मृत्यु की जांच हेतु बीते 22 दिसंबर को जांच समिति गठित की थी।