Corona Vaccination: भारत में कोरोना की जंग एक नये स्तर पर पहुंचनेवाली है। सरकार की मानें तो अगले महीने से ही देश में बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन लगनी शुरु हो जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में ये जानकारी दी है। वैसे भी सितंबर तक बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन आने की संभावना काफी समय से जताई जा रही थी। पिछले हफ्ते ही एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि सितंबर तक बच्चों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Children Corona Vaccination) के इस्तेमाल की मंजूरी दी जा सकती है। अब लगता है कि वैक्सीन कंपनियों ने इस दिशा में ज्यादा तेजी से काम किया है।
In the BJP Parliamentary Party meeting today, PM Narendra Modi asked the ministers and MPs to have good relationship with Opposition MPs: Sources pic.twitter.com/qzEoPDSjEq
— ANI (@ANI) July 27, 2021
कौन-कौन से वैक्सीन हो रहे तैयार?
देश में जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) की बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में है। वहीं भारत बायोटेक (Bharat Biotech) भी बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन तैयार करने में जुटी है। उनके तीसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं। अगर ट्रायल के नतीजे सफल रहे हैं तो बच्चों की कोरोना वैक्सीन को जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है। भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन, कोवैक्सीन पहले ही देश भर में वयस्कों को लगाई जा रही है। उधर, सीरम इंस्टीट्यूट भी बच्चों के लिए अपनी वैक्सीन कोवावैक्स के परीक्षण में जुटा है।
विदेशी कंपनियों में अमेरिकी कंपनी फाइजर की कोरोना वैक्सीन बच्चों को लगाई जा रही है, लेकिन इस कंपनी ने भारत में प्रवेश को लेकर कई शर्तें रखी हैं। सरकार इन पर विचार कर रही है। इसके अलावा यूरोपीय संघ की स्वास्थ्य नियामक एजेंसी ने मॉडर्ना की वैक्सीन को 12 से 17 साल के बच्चों के लिए आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। भारत सरकार भी इसे मंजूरी दे सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों को स्कूल भेजने और तीसरी लहर से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। यही वजह है कि ज्यादातर राज्यों ने आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोलने का जोखिम नहीं उठाया है।