नई दिल्ली: अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका का मिशन सफल रहा है। बिडेन ने अमेरिका से सेना हटाने के अपने फैसले की पूरी जिम्मेदारी ली और कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका का मिशन बहुत ही खर्चीला रहा।
बिडेन ने कहा आतंक के खिलाफ लड़ने के लिए अब जमीन पर अमेरिकी फौज उतारने की ज़रूरत नहीं। अफ़ग़ानिस्तान से वापसी का फैसला बिल्कुल सही। ISIS-K से कहा हमारा बदला अभी पूरा नहीं हुआ।
बिडेन के स्पीच की मुख्य बातें:
फिलहाल 100 से 200 के बीच अमेरिकी नागरिक अफगानिस्तान में हैं इनमें ज्यादातर दोहरी नागरिकता वाले लोग हैं, जिनकी पारिवारिक जड़े अफगानिस्तान में हैं । डेडलाइन की कोई बात नहीं – वो आना चाहेंगे तो हम उन्हें ज़रूर लाएंगे।
मेरे राष्ट्रपति बनने के बाद मेरे सामने 2 विकल्प थे – वापसी या युध्द को बढ़ाना। तालिबान से ट्रंप सरकार के समझौते के बाद 5000 तालिबान लड़ाके रिहा कर दिए गए थे। तालिबान मजबूत हो चुका था। मिलिट्री और सिविलियन मेरे दोनो स्टाफ ने कहा वापसी ही राष्ट्रहित में है।
वापसी के फैसले की मैं ज़िम्मेदारी लेता हूं। जमीनी स्तर ये था कि फौज की वापसी युद्ध को बिना खत्म किये संभव न था।
ISIS-K ये जान ले। हमारा बदला अभी पूरा नहीं हुआ। हम न भूलेंगे, न माफ करेंगे। हम तुम्हें खोज के मारेंगे।
जो लोग कहते हैं कि कम खर्च कर हमें अफ़ग़ानिस्तान में बने रहना चाहिए था, वे जान लें। युद्ध कभी कम ग्रेड, कम जोखिम और कम लागत नहीं होता।
ये भविष्य की तरफ देखने का वक़्त है। हमारे सामने नई चुनौतियां हैं। चीन, रूस, साइबर हमलों। लिहाजा अफगानिस्तान से लौटने का फैसला सही, समझदार और सर्वश्रेष्ठ है।