इंदौर। इंदौर शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती जस्टिस वंदना कसरेकर का रविवार सुबह निधन हो गया। बताया जा रहा है कि उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद इलाज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अस्पताल में ले जाने की तैयारी थी, लेकिन स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने की वजह से ऐसा नहीं किया जा सका। जस्टिस वंदना कसरेकर का राजकीय सम्मान के साथ रामबाग मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान कलेक्टर और हाईकोर्ड से जुड़े अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के बाद उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। जस्टिस वंदना केसरकर एक वर्ष बाद ही रिटायर होने वाली थीं। 10 जुलाई 1960 को इंदौर में ही उनका जन्म हुआ था, इसके बाद वकालत की पढ़ाई कर वे इंदौर हाईकोर्ट बार की आजीवन सदस्य बनीं, 2014 में वे जज बनीं और 2016 में स्थायी जज बनी। यह भी बताया जा रहा है कि उन्हें पहले से किडनी संबंधी बीमारी थी।
सीएम ने दी श्रद्धांजलि
सीएम शिवराज सिंह चौहान ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, इंदौर उच्च न्यायालय में पदस्थ माननीय न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर के निधन का दुःखद समाचार मिला है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को इस वज्रपात को सहने की क्षमता दें। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। ॐ शांति