नई दिल्ली। भारत में सहायक प्राध्यापक (असिस्टेंट प्रोफेसर) भर्ती परीक्षा के लिए योग्यता के नियम बदल गए हैं। उम्मीदवारों को पीजी के बाद पीएचडी करना भी अनिवार्य है। नवीन नियम वर्ष 2022-23 से लागू हो जाएंगे। वर्तमान में पीजी के बाद नेट क्वालीफाई करने वाले कैंडीडेट्स असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन की और से स्पष्ट किया गया है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले दिनों कहा था कि कोरोनावायरस डिस्टरबेंस के कारण कई उम्मीदवारों की पीएचडी कंप्लीट नहीं हो पाई। इसलिए वर्तमान शैक्षणिक सत्र में असिस्टेंट प्रोफेसर रिक्रूटमेंट एग्जाम के लिए पीएचडी की अनिवार्यता नहीं रहेगी लेकिन वर्ष 2022-23 से असिस्टेंट भर्ती परीक्षा में बैठने के लिए PhD की योग्यता अनिवार्य होगी।
उल्लेखनीय है कि भारत में हर साल लगभग 4000000 उम्मीदवार नेट क्वालीफाई करते हैं। इस फैसले के बाद बहुत बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के पास सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में भाग लेने का मौका नहीं रहेगा। सनद रहे कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की तरफ से 2018 में प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी को अनिवार्य किया था लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इसे वर्ष के लिए टाल दिया गया था।