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आखिरी बार किचन स्पन्ज कब बदला था, ये पढ़ने के बाद तुरंत बदल देंगे
बर्लिन। आपको ये याद नहीं आ रहा है कि आखिरी बार आपने अपना किचन स्पन्ज कब बदला था तो ये नई रिसर्च इसे अभी बदलने की सलाह देती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक पूरे घर में मौजूद कीटाणुओं से भी ज्यादा कीटाणु किचन स्पन्ज में होते हैं जिसमें टॉयलेट भी शामिल हैं। किचन सूक्ष्मजीवों को बढ़ने के लिए एक आदर्श वातावरण उपलब्ध कराता है क्योंकि किचन में ही खाने-पीने की चीजें होती है और खाने की तैयारी भी यहीं होती है।
स्पन्ज खुद ही ‘माइक्रोबियल हॉट स्पॉट्स’ हैं जो कि बैक्टीरिया से भरे होते हैं। इसका कारण यह है कि ये अक्सर गर्म और गीले रहते हैं और अन्न के कण इसमें मौजूद रहते हैं।
जर्नल साइंटीफिक रिपोर्ट्स, जर्मन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने 14 अलग उपयोग किए गए स्पन्ज के 28 सैम्पल्स का विश्लेषण किया और उनमें कुल 362 तरह के बैक्टीरिया पाए गए।
शोधकर्ताओं ने पाया कि 10 में से 5 आम प्रकार के बैक्टीरिया में ‘रोगजनक क्षमता’ थी यानी मनुष्यों में बीमारी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, अध्ययन में ये भी पाया गया कि स्पन्ज को केवल साफ करने मात्र से कुछ नहीं होगा। स्पन्ज को माइक्रोवेव या बॉइल करने से 60 प्रतिशत बैक्टीरिया कम होते हैं लेकिन ये केवल लेब सेटिंग में का कर सकता है, ना कि उपयोग किए गए किचन स्पन्ज में।
शोधकर्ताओं ने नए खरीदे गए किचन स्पन्ज को भी टेस्ट किया और कोई बैक्टीरिया नहीं पाया। इसलिए शोधकर्ताओं ने हर सप्ताह स्पन्ज को बदलने की सलाह दी है।