नई दिल्लीः भारत में इन दिनों कोरोना वायरस ने नई आफत खड़ी कर दी है, जिससे अब तक करीब 3 लाख लोगों की जान चली गई है। अस्पताल में भी मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि ऑक्सीजन बेड की कमी से भी अफरा-तफरी मची है।
आम लोगों से लेकर कर्मचारियों तक का जीना मुहाल हो गया है। इस बीच मोदी सरकार केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। उम्मीद है कि जून महीने तक महंगाई भत्ते पर रोक हटा दी जाएगी।
इसके बाद बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिल सकेगा। सैलरी में इजाफा होगा। रुकी हुई तीन किस्तों का भी भुगतान होना है। इस भुगतान के साथ ही कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन भी बढ़ जाएगा।
मतलब सैलरी बढ़ने के साथ-साथ EPF खाते में ज्यादा पैसा जमा होगा।
इसका फायदा उन्हें रिटायरमेंट के वक्त मिलेगा। जुलाई से EPF का कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा. इससे केंद्रीय कर्मचारियों के पास रिटायरमेंट के वक्त बड़ा कॉर्पस होगा।
दरअसल, 1 जुलाई से महंगाई भत्ता बहाल होने वाला है। पिछले साल से रुकी हुई किस्त मिलनी शुरू हो जाएगी। केंद्रीय कर्मचारियों की तीन किस्त की सैलरी तो आएगी ही, साथ ही उनके प्रोविडेंट फंड में भी अच्छा खासा इजाफा होगा। महंगाई भत्ते में होने वाला इजाफे से दूसरे कंपोनेंट्स में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसमें प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी शामिल है।
कर्मचारियों की सैलरी से कटने वाले प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी की गणना बेसिक+महंगाई भत्ते से होती है। जुलाई में कर्मचारियों के DA में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। बेसिक और महंगाई भत्ता बढ़ेगा तो उस पर कटने वाला 12 प्रतिशत EPF भी ज्यादा होगा। सीधा तौर पर PF खाते में ज्यादा पैसे जमा होंगे।
वहीं, कर्मचारियों के अलावा पेंशनरों के डियरनेस रिलीफ (DR) में भी बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा। उनका DR 17 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगा। उनकी मंथली पेंशन बढ़कर आएगी। इसका सीधा फायदा करीब 65 लाख पेंशनर्स को मिलेगा