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कांग्रेस नेत्री नूरी ने जपा ओम नम: शिवाय, काजी बोले- ये पॉलिटिकल स्टंट

कांग्रेस नेत्री नूरी ने जपा ओम नम: शिवाय, काजी बोले- ये पॉलिटिकल स्टंट
अखिल भारतीय कांग्रेस सदस्य नूरी खान ने मंगलवार को भगवा वस्त्र धारण कर हिंदू धर्माचार्यों संग ‘ओम नम: शिवाय’ का जाप किया और सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। यात्रा के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट और वीडिया भी जारी किया, जिसे लेकर बवाल खड़ा हो गया है। इधर, शहर काजी ने कहा है कि यह सिर्फ पॉलीटिकल स्टंट है।
‘तो आज कर दो फतवा जारी’ शीर्षक के साथ जारी पोस्ट में खान ने लिखा कि धर्म के ठेकेदार तय नहीं करेंगे कि अच्छा हिंदू कौन या अच्छा मुसलमान कौन। न केसरिया तेरा है न हरा मेरा है। न भगवा रंग किसी के बाप का है, न हरा रंग। मैंने भगवा रंग भाईचारे और एकता के लिए पहना है। मेरा इस्लाम मेरे पालन का विषय है। अगर किसी अन्य धर्म के सम्मान की बात होगी तो मैं हमेशा आगे रहूंगी। मजहब बैर रखना नहीं सिखाता।
ओम नम: शिवाय का जाप करने से मेरे इस्लाम को कोई खतरा नहीं है। मामले में शहर काजी खलीकुर्रेहमान ने कहा कि यात्रा का मकसद अगर हिंदू-मुस्लिम एकता है तो बहुत बढ़िया है। मगर जाप करना धर्म का विषय है। साथ जाना अलग बात है। नूरी के जाप से धार्मिकता का कोई लेना-देना नहीं। ये महज राजनीतिक स्टंट है। उनकी पोस्ट ‘तो आज जारी कर दो फतवा जारी” उनकी नादानी है। मैं इसे अच्छा नहीं मानता। फतवे का इससे क्या लेना-देना।
पशुपति नाथ मंदिर से महाकाल तक निकली यात्रा
वाल्मीकि धाम के संस्थापक संत उमेशनाथ महाराज के नेतृत्व में ओम नम: शिवाय जाप यात्रा चामुंडा माता मंदिर चौराहा स्थित पशुपति नाथ मंदिर से प्रारंभ होकर महाकाल मंदिर पहुंची थी। बैंड-बाजे और झांकियों संग निकाली यात्रा में महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद गिरि, रंगनाथाचार्य महाराज, परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज, रामनाथजी महाराज, इस्कॉन मंदिर के राघव पंडित दास सहित बड़ी संख्या में संत समुदाय और हिंदू धर्म अनुयायी शामिल हुए। तकरीबन 100 मंचों से यात्रा का स्वागत किया गया।
शिप्रा शुद्धिकरण के लिए 12 अगस्त को जल सत्याग्रह का ऐलान 
यात्रा के बाद नूरी खान ने मोक्षदायिनी शिप्रा नदी की दुदर्शा पर पीड़ा व्यक्त की। एक वीडियो के जरिये शिप्रा शुद्धकरण के लिए 12 अगस्त को जल सत्याग्रह करने का ऐलान किया। कहा कि वे ऊर्जा मंत्री पारस जैन के बंगले का घेराव करेंगी और शिप्रा का मैला पानी जो पीने लायक नहीं, फिर भी शहर को पिलाया गया, उसके सैंपल मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानतंत्री तक को भेजेंगी।

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