MADHYAPRADESH
कैबिनेट की बैठक : विश्वविद्यालय पेंशनरों को मिलेगा छठवां वेतनमान
भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को वल्लभ भवन में मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले लिए गए। विश्वविद्यालय के पेंशनरों को छठवें वेतनमान में एक जनवरी 2006 से पेंशन एवं भुगतान किया जाएगा। पावरलूम के बुनकरों को भी सस्ती बिजली देने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई।
प्रदेश के शहरों के अंदर बनी डेयरियों को बाहर शिफ्ट किया जाएगा, इसके लिए जमीन आवंटित की जाएगी। गौरतलब है कि एनजीटी ने शहरों से डेयरियों को हटाने के लिए सरकार को निर्देश दिए थे। इसके मद्देनजर नगरीय विकास एवं आवास विभाग जिला प्रशासन को जमीन भी आवंटित कर चुका है।
मंत्रिमंडल की अगली बैठक 25 अक्टूबर को ओंमकारेश्वर के पास सैलानी में होगी। इसके साथ ही 12 अक्टूबर को प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, इसके लिए भी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
मप्र में 6 से 25 अक्टूबर के बीच पर्यटन पर्व मनाया जाएगा। सीएम ने कैबिनेट बैठक में सभी मंत्रियों को निर्देश दिए है कि वह अपने प्रभार वाले जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर जाएं। उन क्षेत्रों को कैसे प्रमोट कर सकते हैं यह भी देखें और इस पर क्षेत्रीय विशेषज्ञों से चर्चा भी करें। भारत सरकार द्वारा मप्र को पर्यटन के क्षेत्र में दस पुरस्कार दिए गए है। इसको लेकर सीएम ने पर्यटन विभाग को बधाई दी।
कैबिनेट बैठक में पावर सेक्टर को बड़ी राहत देने का फैसला लिया गया। इसके तहत 25 हॉर्स पावर की जगह 150 हॉर्स पावर के पावर लूम लगाने पर बिजली सब्सिडी मिल पाएगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने बताया इसका फायदा पावरलूम क्षेत्र को मिलेगा जो काफी रोजगार प्रदान करता है। नई तकनीक के पावर लूम 25 हॉर्स पावर से ज्यादा के होते हैं, सरकार के इस फैसले से 10 से 15 हजार पावर लूम स्थापित हो पाएंगे।
वंदे मातरम् कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वल्लभ भवन उद्यान में आयोजित वंदे मातरम् कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल, दीपक खांडेकर सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
पिछले दिनों मुख्य सचिव ने वंदे मातरम् कार्यक्रम में अधिकारी कर्मचारियों की कम उपस्थिति को लेकर सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों को नोटशीट लिख कर हिदायत दी थी। जिसमें कहा गया था कि कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं, इसका असर वंदे मातरम् कार्यक्रम में स्पष्ट नजर आया।