देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। पिछले चार दिन से लगातार चार लाख से ज्यादा नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। साथ ही रिकॉर्ड चार हजार के करीब मौतें भी हो रही हैं।
ऐसे में लोगों के मन में बड़ा सवाल है कि इस लहर का पीक कब होगा और कब कोरोना के नए मामलों और मौतों में कमी आएगी। वहीं दूसरी लहर को लेकर देश और विदेश के विशेषज्ञों ने जो अनुमान लगाया है उसके मुताबिक, भारत में दस दिन बाद सबसे मुश्किल हालात होंगे।
कई विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मई के तीसरे और चौथे हफ्ते में कोरोना की दूसरी लहर का पीक होगा और इस दौरान देश में 35 से 40 लाख सक्रिय मामले होंगे। हालांकि कई विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि दूसरी लहर में जितनी तेजी से मामले बढ़े हैं उतनी तेजी से ही मामलों में गिरावट भी आएगी जोकि राहत वाली बात है।
दूसरी लहर के पीक को लेकर अलग-अलग दावे
एसबीआई की रिपोर्ट : मई मध्य तक पीक होगा
– एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोरोना की दूसरी लहर मई के मध्य में पीक पर पहुंचेगी।
– रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान देश में कोरोना के सक्रिय मामले 36 लाख के आसपास पहुंच जाएंगे।
– दूसरे देशों के अनुभवों के आधार पर कोरोना की दूसरी लहर तब पीक पर होगी जब रिकवरी रेट 77.8 फीसदी होगा।
– रिपोर्ट द पावर ऑफ वैक्सीनेशन में 30 अप्रैल को कहा गया था है कि रिकवरी रेट में एक फीसदी की कमी 4.5 दिन में हो रही है।
– यानी इसमें करीब 20 दिन लगेंगे। रिकवरी रेट में 1 फीसदी कमी से सक्रिय मामले 1.85 लाख बढ़ जाते हैं।
– रिपोर्ट में कहा गया है कि कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर उसी दौरान पीक पर होगी जब यह पूरे देश में चरम पर पहुंचेगी।
– रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि इसका सबसे बुरा दौर मई के तीसरे हफ्ते में खत्म हो चुका होगा।
आईआईटी: 11 से 15 मई
आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के गणितीय मॉडल के मुताबिक कोरोना महामारी की दूसरी लहर 11 से 15 मई के बीच चरम पर होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि उस समय देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 33 से 35 लाख तक पहुंच सकती है। मई के अंत तक मामलों में तेजी से कमी आएगी। कमी आने से पहले मध्य मई तक सक्रिय मरीजों की संख्या 10 लाख तक बढ़ सकती है
पीक का फेज शिफ्ट हो सकता है
इस मॉडल को देने वाले वैज्ञानिकों में शामिल आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि देश में आने वाले कुल मामलों की संख्या जिस तरह हर रोज बढ़ रही है, उससे पीक का फेज शिफ्ट हो सकता है। इसके लिए वो अगले दो-तीन दिन इंतजार करने को कहते हैं।
ब्राउन यूनिवर्सिटी : जून तक पीक की संभावना
ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल के डीन डॉ. आशीष के झा के मुताबिक, कोरोना वायरस के मामले पीक पर हैं या नहीं, ये राज्यों से आने वाले आंकड़ों पर निर्भर करता है। अगर हम महाराष्ट्र के देखेंगे तो पता चलेगा कि वहां पीक आ चुकी है लेकिन वहीं पश्चिम बंगाल समेत दूसरे राज्यों में पीक आनी अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से जून में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा नंबर देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जितनी तेजी से मामले बढ़े, उतनी तेजी से वो घट जाएं, इसकी गारंटी नहीं है।
सात मई तक बताया था
सरकार को सलाह देने वाली वैज्ञानिकों की एक टीम ने सात मई के बीच देश में कोरोना की दूसरी लहर का पीक आने का अनुमान लगाया था। इस टीम के प्रमुख डॉक्टर एम विद्यासागर ने 30 अप्रैल को कहा था कि हमारा अनुमान है कि देश में अगले हफ्ते तक पीक आ जाएगा। हालांकि इससे पहले दो अप्रैल को इसी टीम ने 10 मई के आसपास पीक आने का अनुमान लगाया था। अगर प्रो. विद्यासागर और उनकी टीम का अंदाजा सही होता है तो देश कोरोना की दूसरी लहर के पीक को पार करने के करीब है।
दूसरी लहर में केस और मौतों का उतार चढ़ाव
केस मौतें
01 फरवरी : 8587 94
07 फरवरी : 11673 86
14 फरवरी : 11434 91
21 फरवरी : 13980 79
28 फरवरी : 15616 108
7 मार्च : 18691 99
14 मार्च : 26514 120
21 मार्च : 47009 213
28 मार्च : 68206 295
04 अप्रैल : 1,03,793 477
11 अप्रैल : 1,69,914 904
18 अप्रैल : 2,75,306 1625
25 अप्रैल : 3,54,531 2806
02 मई : 3,70,059 3422
08 मई : 4,09,300 4133
(स्रोत : वर्ल्डोमीटर)
अलग-अलग हिस्सों में अलग समय पर आएगा पीक: गुलेरिया
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दूसरी लहर का पीक देश के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग समय पर आएगा, देश के पश्चिम हिस्से जिनमें महाराष्ट्र में शामिल है, मामले घटना शुरू हो गए हैं, उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में हम वहां पर पीक देखेंगे। रणदीप गुलेरिया ने बताया कि मध्य भारत, उत्तर भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में भी इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत तक पीक होगा।