कोरोना से जंग: बीएससी नर्सिंग/जीएनएम अंतिम वर्ष की छात्राओं को मिलेगी नियुक्ति, मिलेगा वेतन
जीएनएम में प्रशिक्षण केंद्र के अंतिम वर्ष की छात्राओं की नियुक्ति की जाएगी। इस संबंध में एनएचएम मध्य प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर सभी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र जारी किया गया है।
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना (corona) की रोकथाम के लिए अब मेडिकल छात्रों की मदद ली जाएगी। दरअसल एनएचएम मध्य प्रदेश द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है। जहां B.Sc नर्सिंग और जीएनएम में प्रशिक्षण केंद्र के अंतिम वर्ष की छात्राओं की नियुक्ति की जाएगी। इस संबंध में एनएचएम मध्य प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर सभी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र जारी किया गया है।
इतना ही नहीं पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी और उसके नियंत्रण के लिए अस्थाई मानव संसाधन और नर्स स्टाफ को एक निश्चित समय अवधि के लिए जाने की अनुमति प्रदान की गई है। जिसके बाद अब निजी BSc नर्सिंग जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र के अंतिम वर्ष की छात्राओं को ग्वालियर रीवा कटनी विदिशा और उज्जैन सहित बेतूल में नियुक्ति दी जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश ने इस मामले में सभी कलेक्टरों को आदेश जारी करते हुए कहा गया कि 2 महीने तक के लिए अस्थाई तौर पर निजी बीएससी नर्सिंग GNM में प्रशिक्षण केंद्र के अंतिम वर्ष की छात्राओं को रखा जा सकेगा।
बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना के मरीज की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जहां विभिन्न जिलों में स्टाफ नर्सो की कमी देखने को मिल रही है। ऐसी स्थिति में अस्थाई स्टाफ नर्स की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा बड़ा निर्णय लिया गया है। वहीं बीएससी नर्सिंग/ जीएनएम की अंतिम वर्ष के छात्रों को करुणा की रोकथाम के लिए अस्थाई मानव संसाधन के रूप में 30 जून 2021 तक की नियुक्ति दी जाएगी। जिसके लिए उन्हें प्रतिमाह 20 हजार का वेतन भी दिया जाएगा।
इस मामले में जारी पत्र में कहा गया है कि विभिन्न जिलों में बीएससी नर्सिंग जीएनएम उत्तीर्ण और नर्सिंग काउंसिल पंजीकृत उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने की वजह से और स्थाई स्टाफ नर्स की पूर्ति करना संभव नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से यह निर्णय लिया गया है। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में लगातार कोरोना के बड़े मामले सामने आ रहे हैं बीते दिनों 12379 नए मरीजों की पुष्टि हुई थी। वही 103 लोगों ने अपनी जान गवा दी थी।
अप्रैल महीने की बात करें तो पहले लहर की तुलना में दूसरी लहर में दोगुनी मौतें देखने को मिली थी। जबकि पॉजिटिव केस में 4 गुना की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है। लगातार अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच अभी स्टाफ नर्सों की कमी को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारू और सुरक्षित रखने के लिए निर्णय लिया गया है।