Astronomical Events: भोपाल। सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी गुरुवार (19 अगस्त) की देर रात गुरु और सूर्य के बीच पहुंच रही है। इससे गुरु, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सरल रेखा में होंगे। विज्ञान प्रसारक सारिका घरू ने बताया कि इस खगोलीय घटना को जुपिटर एट अपोजिशन कहते हैं।
यह पृथ्वी से साल की सबसे कम दूरी पर होगा। सारिका ने बताया कि सबसे बड़ा ग्रह होने के कारण यह वैसे तो गुरु (जुपिटर) चमकदार रहता ही है, लेकिन इस समय सबसे नजदीक होने के कारण यह अलग ही चमकदार दिखाई देगा। पूर्व में उदित होने के बाद आप पूरी रात जुपिटर को देख पाएंगे। मध्य रात्रि में यह ठीक सिर के ऊपर होगा। सुबह यह पश्चिम में अस्त हो जाएगा। सारिका ने बताया कि गुरुवार की शाम सूर्यास्त के बाद जब आप पूर्व में देखेंगे तो सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर चमक रहा होगा, तो पश्चिम में सौर परिवार का सबसे चमकदार ग्रह शुक्र चमक रहा होगा।
22 अगस्त (रक्षाबंधन पूर्णिमा की शाम चंद्रमा भी जुपिटर के नजदीक दिखेगा। सारिका ने बताया कि अपोजीशन की इस घटना के समय जुपिटर की दूरी लगभग 60 करोड़ किमी होगी। इस समय इसकी चमक माइनस 2.9 मैग्नीट्यूड होगी। पृथ्वी के गुरु और सूर्य के बीच आने की यह खगोलीय घटना लगभग हर 13 माह में होती है। अब यह घटना 27 सितंबर 2022 को होगी।
क्यों खास है यह घटना : सारिका ने बताया कि अपोजीशन की घटना के समय कोई भी ग्रह पृथ्वी से सीध में रहते हुए साल की सबसे कम दूरी पर होता है। इसे पेरिजी कहते है। इस कारण ग्रह अपेक्षाकृत बड़ा और अधिक चमकदार दिखता है।