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खुदाई में मिले बेशकीमती हीरे, मालामाल हुए मजदूर, जनिये कहां हुआ ऐसा

पन्ना जिले के कुछ मजदूूरों के साथ. उन्हें खुदाई के दौरान जमीन में तीन बेशकीमती हीरे मिले थे. इस घटना के बारे में खुद मजदूरों को भी विश्वास नहीं हो रहा था, कि उनकी किस्मत रातोंरात बदल गई है.

Madhya Pradesh: किस्मत का कोई पता नहीं कब बदल जाए. कुछ ऐसा ही हुआ था पिछले साल मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के कुछ मजदूूरों के साथ. उन्हें खुदाई के दौरान जमीन में तीन बेशकीमती हीरे मिले थे. इस घटना के बारे में खुद मजदूरों को भी विश्वास नहीं हो रहा था, कि उनकी किस्मत रातोंरात बदल गई है.

दरअसल, पन्ना जिले के जरुआपुर उथली खदान में काम करते समय मजदूरों को कीन बेशकीमती हीरे मिले थे. हीरों का वजन अलग-अलग 4.45, 2.16, 0.93 कैरेट था. तीनों हीरों का कुल वजन 7.59 कैरेट था. ये जेम क्वालिटी के हीरे थे. तीनों हीरों की बाजार में कुल कीमत 30 से 35 लाख रुपये आंकी गई थी. हालांकि तीनों हीरों को पन्ना के कार्यालय में जमा कर दिया गया था.

नीलामी के बाद इस रकम को मजदूरों में बांटा गया था.

बता दें कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के जरुआपुर में उथली हीरा का खदान है. गांव के रहने वाले मजदूर सवल सरदार को हीरा कार्यालय ने निजी क्षेत्र जरुआपुर में उत्खनन के लिए 8 गुणा 8 मीटर का पट्‌टा किया था. मजदूर सवल सरदार इसी खदान में खुदाई कर रहा था. इस दौरान उन्हें तीन हीरे मिले थे. सवल सरदार के साथ छह और मजदूर काम कर रहे थे.

जैसे ही हीरा मिला था सभी खुशी से झूम उठे थे. इसके बाद इन हीरों के बारे में कार्यालय को जानकारी दी गई थी. इन्हें बाद में पन्ना के डायमंड कार्यालय में जमा करवाया गया था. यहां पर हीरों की नीलामी हुई थी, इसके बाद इनकी रॉयल्टी काटकर बाकी बचे पैसे जमाकर्ता को दे दिया गया था. सवल सरदार ने बताया था कि 2 महीने की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें 3 हीरे मिले थे.

सवल सरदार ने बताया था कि खदान में उसके अलावा 5 अन्य साथी पार्टनर थे. हीरा नीलामी में जो रकम मिली थी. उसे सभी में बराबर-बराबर बांटा गया था. उन्होंने कहा था कि कोई अच्छा सा धंधा करेंगे. हीरा मिलने के बाद इलाके में बधाई देने वालों तांता लगा हुआ था. बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश के उज्जैन में खजाना मिलने की बात सामने आई थी.

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