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छत्तीसगढ़ को मिलेगा नया मुख्यमंत्री? राहुल से मिलने पहुंचे सीएम बघेल और सिंहदेव

छत्तीसगढ़ को मिलेगा नया मुख्यमंत्री? राहुल से मिलने पहुंचे सीएम बघेल और सिंहदेव

कांग्रेस नेतृत्व जिस छत्तीसगढ़ को लेकर सबसे ज्यादा आश्वस्त है, अब वहां भी सब ठीकठाक नहीं है। राज्य में महीनों से वहां के नेताओं के बीच चल रहे घमासान को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव मंगलवार को राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गए हैं। राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद राज्य में सत्ता हस्तांतरण पर कुछ निर्णय निकलकर सामने आने की संभावना जताई जा रही है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में सरकार गठन के दौरान जो पेंच फंसा था, अब वह बड़ा रूप ले चुका है। दरअसल बघेल को मुख्यमंत्री बनाने के समय से ही वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव सरकार के ढाई साल पूरे होने का इंतजार कर रहे थे, ताकि सत्ता का हस्तांतरण हो सके।

सिंहदेव सत्ता के बंटवारे के फॉर्मूले का दावा कर रहे हैं, जबकि बघेल ऐसे किसी फार्मूले से इनकार कर रहे हैं। सिंहदेव इससे नाराज हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास 90 में से 70 सीट हैं और अधिकतर विधायक बघेल से संतुष्ट हैं। बीते 17 जून को सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद से ही सीएम से नाराज विधायक नेतृत्व परिवर्तन को हवा दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने रवाना होने से पहले कहा था कि बहुत दिनों बाद दिल्ली जाना हो रहा है, इससे पहले सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के रूप में वीरभद्र सिंह की अंत्येष्टि में हिमाचल प्रदेश गया था। उस दौरान प्रियंका गांधी  से मुलाकात हुई थी।
बघेल ने बताया कि वह इस दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पूनिया से भी मुलाकात करेंगे। उनसे पूछा गया कि क्या इस दौरान सिंह देव भी बैठक में मौजूद रहेंगे तब उन्होंने कहा कि राहुल जिसको बुलाएं। मुझे तो वहीं से सूचना मिली है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने इस वर्ष अपना ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि मंगलवार को दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बघेल के साथ होने वाली बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा हो सकती है।

राज्य में दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद बघेल तथा राज्य के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव और ताम्रध्वज साहू मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे। राज्य में नई सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई वर्ष के फॉर्मूले की चर्चा शुरू हो गई थी। जब 17 दिसंबर वर्ष 2018 को बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब सिंह देव और साहू ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। राज्य में तब से चर्चा है कि बघेल और सिंह देव के मध्य ढाई-ढाई वर्ष मुख्यमंत्री पद के लिए सहमति बनी है।

इससे पहले राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए कथित फॉर्मूले को लेकर मुख्यमंत्री बघेल से सवाल किया गया था तब उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी आलाकमान आदेश करेगा तब वह पद खाली कर देंगे। सिंह देव इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में थे और कथित रूप से उन्होंने कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। इधर राज्य में मुख्यमंत्री पद के कथित फॉर्मूले की चर्चा के बीच वरिष्ठ नेताओं के बीच तल्खी भी देखी जा रही है।

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